नितिन गडकरी ने 2025 से सभी ट्रक केबिनों को अनिवार्य रूप से एसी बनाने का आदेश दिया है. पिछले कई साल से इस मुद्दे पर बहस होने के बावजूद अधिकांश भारतीय कंपनियां इस मामले में आगे बढ़ने में कोताही बरत रहीं थी. सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली बार 2016 में इस कदम का प्रस्ताव दिया था.
News Jungal Desk :– देश में ट्रक ड्राइवरों के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय का ये कदम बहुत राहत देने वाला हो सकता है । और जो कड़ी गर्मी, जाड़े और बरसात के दिनों में रोजाना करीब 12 घंटे ड्राइविंग सीट पर बिताते हैं । और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने 2025 से सभी ट्रक केबिनों को अनिवार्य रूप से वातानुकूलित (AC) करने का आदेश दिया है । और इस उन ड्राइवरों को बहुत जरूरी आराम मिलेगा जो अक्सर अपने पसीने से लथपथ होने के बावजूद ट्रक चलाते रहते हैं । और ट्रक ड्राइवरों के काम करने के कठिन हालात और सड़क पर लंबे समय तक लगातार ड्राइविंग की थकान को सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण माना जाता है ।
वॉल्वो और स्कैनिया जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों के बनाए हाई-एंड ट्रक पहले से ही एयरकंडीशन केबिन (AC Truck Cabins) के साथ आते हैं । मगर पिछले कई साल से इस मुद्दे पर बहस होने के बावजूद अधिकांश भारतीय कंपनियां इस मामले में आगे बढ़ने में कोताही बरत रहीं थी । और बहरहाल सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा कर दी कि उन्होंने ट्रक केबिन को एसी बनाना अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया है । उनके बयान में कहा गया कि ट्रक इंडस्ट्री को अपग्रेड करने के लिए 18 महीने की संक्रमण अवधि जरूरी थी ।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली बार 2016 में इस कदम का प्रस्ताव दिया था नितिन गडकरी ने कहा कि ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे ट्रक पर होते हैं । जबकि अन्य देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों के ड्यूटी पर रहने के घंटों की संख्या पर प्रतिबंध है । हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री के तापमान में गाड़ी चलाते हैं और हमें ड्राइवरों की हालत की कल्पना करनी चाहिए । और मैं मंत्री बनने के बाद एसी केबिन पेश करने का इच्छुक था । लेकिन कुछ लोगों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इससे लागत बढ़ जाएगी. आज (सोमवार) मैंने फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं कि सभी ट्रक केबिन एसी केबिन होंगे ।
गडकरी ने कहा कि ‘ट्रक इंडस्ट्री ने मांग की थी कि ये नियम वैकल्पिक होना चाहिए. उनमें से कुछ ने यह भी दावा किया था कि चालकों को एसी केबिन में नींद आ सकती है. बस ड्राइवरों के बारे में भी हमारी हमेशा ऐसी ही एक ही धारणा थी और ड्राइवरों के केबिन सालों से नॉन-एसी थे. लेकिन वॉल्वो बसों के आने से यह धारणा खत्म हो गई और अब सभी लग्जरी बसों में ड्राइवरों के लिए भी एसी केबिन हैं.’ एक अनुमान के मुताबिक ट्रकों में एसी केबिन लगाने से प्रति ट्रक 10,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का अतिरिक्त खर्च आएगा ।
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