राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद करने को लेकर बिहार में महागठबंधन के नेताओं ने सोमवार को केंद्र के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। महागठबंधन के विधायक अपने हाथों और सिर पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे। हाथों में गांधी की पोस्टर लेकर विधायकों ने केंद्र के विरोध में नारे भी लगाए।
मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता रद करने को लेकर बिहार में महागठबंधन के नेताओं ने सोमवार को केंद्र के खिलाफ सदन के बाहर से लेकर अंदर तक प्रदर्शन किया।
महागठबंधन में शामिल जदयू, राजद और अन्य पार्टी के विधायक अपने हाथ और सिर पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा में पहुंचे। अपने हाथों में गांधी की पोस्टर लेकर विधायकों ने ‘लोकतंत्र और संविधान खतरे में’ जैसे नारे भी लगाए।
इस पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान सबसे अहम बात यह रही कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राहुल के समर्थन में दिखे। यह ऐसा पहला मौका है जब सीएम ने कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता रद करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। अबतक उनकी चुप्पी से चारों तरफ कई तरह की चर्चाएं हो रही थी।
सुबह 11 बजे जब बिहार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही की शुरूआत हुई, तो कांग्रेस के विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गए। इसके बाद भाकपा माले के सदस्यों ने भी कांग्रेस का समर्थन दिया, जो नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देते आए हैं।
काफी हो-हंगामें के बीच भाजपा के सभी विधायक सदन से वॉक आउट कर गए। इसके बाद कांग्रेस और वामपंथी सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों पर लौट आए और सदन ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू कर दी।
बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे होता है’ के खिलाफ गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का एक मुकदमा दायर किया था। सूरत की एक अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई। इसके 24 घंटे के अंदर ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई।
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