ओडिशा (Odisha News) में आकाशीय बिजली (Odisha Lightning) गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई है और 14 लोग घायल हो गए है. शनिवार को लगभग दो घंटों में ओडिशा भर में 61 हजार बार बिजली गिरी है ।
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News jungal desk :– ओडिशा (Odisha) में आकाशीय बिजली (Odisha Lightning Strikes) ने कहर बरपाया है । शनिवार को लगभग दो घंटों में ओडिशा भर में 61,000 बार बिजली गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए है । खबर है कि राजधानी भुवनेश्वर में सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली गिरने की घटना सामने आई है । भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा 7 सितंबर तक राज्य में चरम मौसम की चेतावनी जारी की गई है । तब तक इस तरह की स्थिति बनी रहेगी ।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय चक्रवाती सर्कुलेशन अगले 48 घंटों में कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल सकता है । और इसके प्रभाव से पूरे ओडिशा में बड़े पैमाने पर बारिश होने की संभावना जताई गई है । IMD के अनुसार सप्ताह के अंत में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है । IMD ने बोला है कि ‘7 सितंबर तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी करा गया है ।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय चक्रवाती सर्कुलेशन अगले 48 घंटों में कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल सकता है और इसके प्रभाव से पूरे ओडिशा में बड़े पैमाने पर बारिश होने की संभावना है । और IMD के अनुसार सप्ताह के अंत में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है. IMD ने बोला है कि ‘7 सितंबर तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है ।
रिपोर्ट के अनुसार भुवनेश्वर और इसके आस-पास के इलाकों में शनिवार दोपहर बाद गरज के साथ लगातार बारिश जारी रह है। इस दौरान आकाशीय बिजली भी गिरी है । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (OSDMA) ने कहा कि शाम 5.30 बजे तक करीब 61 हजार बार से अधिक बिजली गिरने की घटनाएं सामने आईं है ।
विशेष राहत आयुक्त (SRC) सत्यब्रत साहू ने बोला कि शनिवार को बिजली गिरने से मरने वालों में से 4 खुर्दा जिले से, 2 बोलांगीर से और एक-एक अंगुल, बौध, ढेंकनाल, गजपति, जगतसिंहपुर और पुरी से थे. इसके अलावा, गजपति और कंधमाल जिलों में बिजली गिरने से आठ मवेशियों की भी मौत हो गई. साहू ने कहा कि प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि ये असामान्य और अत्यधिक बिजली की गतिविधियां तब होती हैं जब मॉनसून लंबे अंतराल के बाद सामान्य स्थिति में लौटता है. उन्होंने कहा कि ठंडी और गर्म वायु का टकराव ऐसी अभूतपूर्व बिजली की घटनाओं के लिए एकदम सही स्थिति बनाता है ।
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