हम आपको उज्जैन के एक ऐसे परिवार से रूबरू करा रहे हैं, जिसने बेटी के ग्रह प्रवेश होने पर ऐसा जश्न मनाया कि देखने वाले देखते रह गए. ऐसा परिवार जिसने वाकई में कन्या को गृहलक्ष्मी मान उसका भव्य गृहप्रवेश कराया. बिटिया को घर मे लाने से पहले उसे हाथी पर बैठाकर सारी गली व मोहल्ले में घुमाया
News jungal desk :– लोगों की सोच अब बदलने लगी है । बेटियों के जन्म को वह उत्सव के रूप में मनाते हैं. आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी उप जोन समन्वयक उर्मिला प्रह्लाद सिंह तोमर ने बताया कि गायत्री परिवार संस्थापक गुरुदेव पंडित राम शर्मा आचार्यजी ने कहा कि आने वाले समय में नारियां विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महती भूमिका निभाते हुए प्रतिनिधित्व करेंगी. इस बात का सशक्त उदाहरण अपने घर में देखकर मन प्रफुल्लित हो गया. बेटे यश, बहू रक्षा के यहां पुत्री रत्न का जन्म हुआ. बिटिया के गृह प्रवेश और नामकरण संस्कार पर पूरा घर फूलों से सजाया गया. हाथी पर सवारी करके आतिशबाजियों के साथ बिटिया को गृह प्रवेश करवाया गया.
बेटियां बोझ हैं नहीं दिया सन्देश
उन्होंने बताया कि सोच जिसने समाज की सोच को बदलने का काम किया. एक विचार जिसने समाज की बेटियों के प्रति विचारधारा को बदल दिया. ये अहसास दिलाया कि बेटियां बोझ नहीं हैं. उस प्रयास का ही असर है कि आज उज्जैन बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाता है.
फूलों से सजाया घर
उर्मिला तोमर ने बताया कि हम बेटी होने से काफी खुश है. स्वयं लक्ष्मी माता बेटी के रूप में हमारे घर आई हैं. हमने समाज को संदेश देने के लिए बेटी को हाथी पर बैठकर, गली मोहल्ले में इसलिए घुमाया कि बेटी को बेटे के समान ही दर्जा मिले. आज की पीढ़ी में बेटियां भी समाज में व देश में हर जगह अपना नाम रोशन कर रही हैं. पोती जियांशी नाम के साथ तोमर परिवार का नाम रोशन करेंगी. जियांशी तेजस्वी हो, प्रगति शील हो, दीर्घायु हो के मंगलाचरण के साथ ही आशीर्वचन से पूरा घर गुंजायमान हो गया.
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