शारदीय नवरात्र के द्वितीया तिथि पर ब्रह्मचारिणी माता के रूप में श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन व पूजन किया। आधी रात से ही माता के दरबार में दर्शन-पूजन करने उमड़े भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाने के उपरांत माता के दरबार में पहुंचे और मत्था टेका।
News jungal desk: यूपी के मिर्जापुर जिले में स्थित जगविख्यात मां विंध्यवासिनी मंदिर में शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भी भक्तों का भारी सैलाब उमड़ा। सोमवार सुबह मां विंध्यवासिनी के मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी है। सभी भक्त मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप में मां विंध्यवासिनी का विधि-विधान से दर्शन-पूजन कर माता के भक्त पुण्य की कामना कर रहे हैं।
विंध्यधाम में मत्था टेकने के बाद श्रद्धालुओं ने अष्टभुजा और काली खोह मंदिरों पर भी दर्शन पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा की । इसके साथ ही विंध्य धाम की गलियां माता के जयकारे से गुंजायमान है। आपको बता दे कि आधी रात से ही माता के दरबार में दर्शन-पूजन करने उमड़े भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाने के उपरांत माता के दरबार में पहुंचे और मत्था टेका। मां का दर्शन पाकर भक्त धन्य धन्य हो गए और सभी ने माता रानी के जयकारे लगाए।
किसी ने मंदिर के अंदर तो किसी ने झांकी से ही माता का दर्शन व पूजन किया। सोमवार सुबह मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर का कपाट खुला तो चारों तरफ से भक्त मंदिर की ओर उमड़ पड़े। रात में तरह-तरह के पुष्पों, चुनरी तथा रंग-बिरंगे झालरों से की गई मंदिर की सजावट एक अलौकिक छटा बिखेर रही थी। इसके साथ ही आपको ये भी बता दे कि के पहले दिन विंध्य धाम में ढाई लाख से ज्यादा माता भक्तों ने हाजिरी लगाई थी।
काशी के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की कतार
वाराणसी में दुर्गा घाट और कर्णघंटा स्थित माता ब्रह्मचारिणी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी कतार लगी हुई है। माता के भक्त चुनरी से लिपटे नारियल और माला-फूल आदि का भोग ब्रह्मचारिणी देवी को लगा रहे हैं। मंदिर से लेकर परिसर के बाहर तक माता के जयकारे गूंज रहे हैं।
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