One Nation One Election

One Nation One Election: क्या है वन नेशन वन इलेक्शन बिल और यह बिल कैसे तैयार हुआ !

One Nation One Election: विधेयक पेश करने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे |

संसद के शीतकालीन सत्र में आज (17 दिसंबर 2024) लोकसभा के अंदर केंद्र सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश हो गया है | लोकसभा की वेबसाइट पर आज के लिए संशोधित कार्य सूची के अनुसार, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया |

What is One nation one election

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को जिन दो विधेयकों को मंजूरी दी थी, उनमें संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 शामिल है | सरकार ने पहले दोनों विधेयकों को सोमवार के लिए पेश करने की सूची बनाई थी, लेकिन बाद में अपने फैसले को बदल दिया |

One Nation One Election Proposal

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार दोपहर लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक पेश कर दिया है |

विधेयक को चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजे जाने की तैयारी है |बीजेपी ने व्हिप जारी किया है | इससे पहले कांग्रेस ने सुबह अपने लोकसभा सांसदो की बैठक बुलाई |

क्या है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’? (What is One nation one election)

जैसा कि इसके नाम से ही साफ होता है कि यह एक राष्ट्र में क चुनाव की बात कहता है | भारत में अभी अलग-अलग राज्यों के चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं | नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि देश में विधानसभा, लोकसभा, पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ ही हों |

किसने दी इसे लेकर रिपोर्ट? (One Nation One Election Report)

बता दें कि वन नेशन, वन इलेक्शन का विधेयक पिछले काफी समय से सत्तारूढ़ बीजेपी के एजेंडे में है | इसे पूरा करने के मकसद से केंद्र सरकार ने 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी |

one nation one election report

इस कमेटी ने 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी | कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव कराने से चुनावी प्रक्रिया में बदलाव आ सकता है |

कमेटी में कौन-कौन था शामिल? (One Nation One Election Committee)

वन नेशन, वन इलेक्शन की कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल है |

One Nation One Election Committee

इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर क़ानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्रा समिति में शामिल थे |

कमेटी ने कैसे तैयार की रिपोर्ट?

इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले उन 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया की स्टडी की, जहां यह प्रक्रिया लागू है | इन 7 देशों में स्वीडन, बेल्जियम, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, फिलीपींस और जापान शामिल हैं |

कमेटी ने की थी ये पांच मुख्य सिफारिश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी थ, उसमें 5 मुख्य सिफारिशें भी शामिल थीं. ये इस प्रकार हैं…

  • सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए |
  • हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं |
  • वन नेशन, वन इलेक्शन के तहत दो चरणों में चुनाव कराए जाएं. पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएं, जबकि दूसरे चरण (100 दिनों के अंदर) में लोकल बॉडीज (नगर निकाय) चुनाव कराए जाएं |
One Nation One Election Proposal
  • चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एक वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार करे |
  • कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है |

कांग्रेस ये तर्क देकर कर रही है विरोध

कांग्रेस वन नेशन, वन इलेक्शन का शुरू से विरोध कर रही है | उसका कहना है कि एक साथ चुनाव करवाने से संविधान के मूलभूत ढांचे में बड़ा परिवर्तन होगा |

ये संघीय ढांचे की गारंटी के विरुद्ध और संसदीय लोकतंत्र के ख़िलाफ़ होगा. इसके अलावा आम आदमी पार्टी समेत कुछ और दल भी इसका विरोध कर रहे हैं |

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