देश की दिग्गज ड्रोन निर्माता कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी का आईपीओ आज यानी 26 जून को खुल चुका है. निवेशक इसके लिए अधिकतम 2 लाख रुपये तक की बोली लगा सकते हैं. बता दें, मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में आइडियाफोर्ज के मुनाफे में 27.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
News Jungal Desk: ड्रोन बनाने वाली दिग्गज कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी (Ideaforge Technology) का आईपीओ खुल चुका है. निवेशक आज से इसके शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. 2007 में स्थापित आइडियाफोर्ज मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) मार्केट में आगे है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2012 में इसकी मार्केट में हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी के आसपास है.
आईपीओ के तहत आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी के शेयरों के लिए बोली 26 जून से शुरू होकर 29 जून तक चलेगी. इसके लिए निवेशक न्यूनतम 22 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 22 शेयरों के लॉट के मुताबिक बोली लगाई जा सकती हैं.
567 करोड़ रुपये जुटाएगी आईपीओ से
कंपनी ने आईपीओ के जरिए प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर 567 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. इस ऑफर में 240 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करना और प्रमोटर एवं निवेशकों द्वारा 48.69 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश शामिल है. कंपनी ने शुद्ध पेशकश के 75 फीसदी शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए, 15 फीसदी उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों के लिए जबकि शेष 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किए हुए हैं.
638-672 रूपये है प्राइसबैंड
आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी ने आईपीओ के तहत जारी शेयरों के लिए प्राइस बैंड 638-672 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया है. आईपीओ के दौरान खुदरा निवेशक इसमें कम से कम 14,784 रुपये लगा सकते हैं. वहीं, 13 लॉट के लिए इसमें अधिकतम बोली लगाई जा सकती है. क्योंकि उन्हें 2 लाख रुपये तक ही निवेश करने की अनुमति मिली है. इस ऑफर में कंपनी के कर्मचारियों के लिए 13,112 इक्विटी शेयरों का आरक्षण भी शामिल है, जिन्हें शेयरों पर 32 रुपये प्रति शेयर की छूट दी जाएगी.
कंपनी की वित्तीय स्थिति
दिसंबर 2022 में आई ड्रोन इंडस्ट्री इनसाइट्स की रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक और रक्षा, दोहरे उपयोग श्रेणी ड्रोन निर्माताओं में इसे विश्व स्तर पर सातवें नम्बर पर काबिज था. मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में आइडियाफोर्ज के मुनाफे में 27.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो 44 करोड़ रुपये से कम होकर 32 करोड़ रुपये हो गया है. लेकिन इसी अवधि में रेवेन्यू 16.66 फीसदी बढ़कर 186 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, मार्च 2023 तक इसकी बकाया ऑर्डर बुक 192.27 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वित्त वर्ष के 310.87 करोड़ रुपये की तुलना में कम देखी गई है.
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