त्वरित टिप्पणी-तो युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं भारत और पाकिस्तान, तैयारियां तेज हुईं

महेश शर्मा(वरिष्ठ पत्रकार)

सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्षी दलों का विश्वास हासिल किया
आतंकियों के कैम्प नष्ट करें, सरकार के हर एक्शन को सपोर्ट-राहुल
राहुल समेत नेता बोले, आतंकी हमले के खिलाफ वे सरकार के साथ
कूटनीतिक युद्ध जीत लिया, सिंधु जल-संधि पर रोक से फड़फड़ाया पाक
गृहमंत्री और विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति को ताजा हालात से अलगत कराया
भारतीय वायु सेना ने युद्धाभ्यास शुरू किया, सफल रही मिसाइल टेस्टिंग
पाक ने कराची एयरबेस से भारतीय सीमा पर 18 फाइटर जेट रवाना किए

न्यूजजंगल डेस्क। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से निपटने को अबकी पुलवामा का बदला लेने के लिए की गयी सर्जिकल स्ट्राइक की तरह कोई एक्शन न करके पहलगाम में नरसंहार के विरोध में भारत सीधी लड़ाई के मूड में आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस.सुब्रमण्यम ने ऱाष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से औपचारिक भेंट करके ताजे हालात से अवगत कराया। भारत ने कूटनीतिक जंग जीत ली है। सिंधुजल संधि पर रोक से पाकिस्तान फड़फड़ा गया है। इसे जलयुद्ध की संज्ञा दी जा रही है। पाकिस्तान ने कहा कि सिंधुजल संधि रोकने के विरोध में वह शिमला समझौता रद्द कर सकता है।

सरकार ने माना चूक हुई-

सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने माना कि पहलगाम की घटना में चूक हुई। विपक्षी दलोॆं के नेताओं ने एक स्वर में आतंक के विरुद्ध लड़ाई में सरकार का साथ देने की बात कही है।

भारतीय विदेश मंत्रालय में जर्मनी और जापान सहित कई देशों के राजदूतों के साथ विदेश मंत्री ने बैठक की। भारतीय थलसेना अध्यक्ष शुक्रवार को श्रीनगर रवाना हो रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका, रूस जैसे देशों ने पहलगाम आतंकी घटना की निंदा करते हुए भारत का साथ देने की खुली बात कही। रूसी मीडिया का आंकलन है कि भारत कुछ बड़ा करने का इरादा बना चुका है।
उधर पाकिस्तान ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। ऐसा लगता है कि दोनों देश किसी सीमित युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान कुछ भी गैरवाजिब किया तो भारत घुसकर मारने से नहीं चूकेगा। अटारी बॉर्डर बंद कर दिया गया है। श्रीनगर के दुकानदारों ने काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शित किया। पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया है। एअर इंडिया के मुताबिक उत्तरी अमेरिका, यूरोप, इंग्लैंड जाने वाली उसकी हवाई सेवा के लिए वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल किया गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शुक्रवार को अनंतनाग जाएंगे। उधर पाक की राजधानी इस्लामाबाद में भारत के दूतावास के सामने पाकिस्तानियों ने प्रदर्शन किया और गेट तोड़ने की कोशिश की। असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों से अपील की कि पहलगाम हिंसा के विरोध में वे जुमे की नमाज में हाथ पर काली पट्टी बांधकर जाएं।
उधर पाकिस्तान ने भी नेशनल सिक्योरिटी की बैठक करके हालात की समीक्षा की। इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने की। सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर भी शामिल हुए। भारतीय पीएम मोदी की अध्यक्षता हुई सीसीएस की बैठक के बाद पाक ने बैठक बुलायी थी। यह भी खबर है कि सिंधुजल संधि रोकने के जवाब में पाकिस्तान शिमला समझौता रद्द सकता है। उधर जम्मू और कश्मीर में भी आल पार्टी मीटिंग मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई।
सिंधु जल संधि को लेकर क्यों परेशान है पाकिस्तान
1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि के तहत, भारत को तीन पूर्वी नदियों – रावी, व्यास और सतलुज – का पानी मिलता है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों – चिनाब, झेलम और सिंधु का पानी मिलता है। भारत और पाकिस्तान इस पानी का इस्तेमाल हाइड्रो-पावर और सिंचाई जैसे घरेलू उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। समझौते के मुताबिक भारत विविध उद्देश्यों के लिए पश्चिमी नदियों पर भी 3.6 मिलियन एकड़ फुट पानी स्टोर कर सकता है।
पाकिस्तान ने कहा है कि उसे चिंता है कि ये परियोजनाएं चेनाब और झेलम से पानी तक उसकी पहुंच को बाधित करेंगी। हालांकि, अभी तक भारत ने पाकिस्तान की आलोचना को खारिज किया है। संधि के तहत, किसी भी विवाद को पहले दोनों पक्षों द्वारा नियुक्त आयुक्तों द्वारा उठाया जा सकता है और यदि वे मतभेदों को हल करने में विफल रहते हैं, तो एक स्वतंत्र, विश्व बैंक द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ की मदद ली जा सकती है।
पाकिस्तान ने पहले एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की मांग की और फिर वापस ले लिया, इसके बजाय द हेग स्थित एक वैश्विक विवाद समाधान निकाय, स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के निर्णय की मांग की। भारत ने पीसीए के अधिकार क्षेत्र को मान्यता देने से इनकार किया है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान ने मतभेदों को सुलझाने के लिए संधि में निर्धारित तंत्रों का उल्लंघन किया है। उस पृष्ठभूमि के खिलाफ, भारत ने अब कहा है कि बढ़ती आबादी और जलवायु तनाव के मद्देनजर समझौते पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

सूरत में आईएनएस में मिसाइल परीक्षण सफल।

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