Pakistan Deal IMF: पाकिस्तान दिवालिया घोषित होने से बचने के लिए जल्द से जल्द आईएमएफ के साथ डील करना चाहता है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि अगर यह डील हो जाती है तो उसे आईएमएफ के साथ-साथ सऊदी अरब और यूएई जैसे मित्र देशों से भी नया कर्ज मिल जाएगा।
News Jungal International desk: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और पाकिस्तान के बीच बेलआउट पैकेज से जुड़ा समझौता जल्द हो सकता है। अगर यह डील नहीं हुई तो पाकिस्तान तेजी से डिफॉल्ट होने की ओर बढ़ जाएगा। पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज तो चाहिए, लेकिन वह उसकी सख्त शर्तों को पसंद नहीं कर रहा है, क्योंकि पाकिस्तान में इस साल चुनाव होने वाले हैं। IMF की शर्तें ऐसी हैं, जिससे सत्ता पक्ष को नुकसान ही होगा, लेकिन हर किसी को पता है कि पाकिस्तान के पास इन शर्तों को मानने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। पाकिस्तान एक्सपर्ट साजिद तरार ने बताया है कि अगर IMF से डील हो जाती है तो पाकिस्तान पर 5 बहुत ही नकारात्मक असर पड़ेंगे।
साजिद तरार के मुताबिक अगर IMF से समझौता हो जाता है तो सबसे पहला प्रभाव सवा दो करोड़ पाकिस्तानी लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा। सवा दो करोड़ लोगों की नौकरियां जाएंगी और अवसर में भी कमी आएगी। इस वजह से गरीबी के स्तर में और बढ़ोतरी होगी। उनका दूसरा अनुमान कहता है कि गरीबी के कारण अपराध में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी। लोग अवैध तरीके से पैसा कमाने के नए-नए तरीके खोजेंगे। पुलिस पर पहले से ही दबाव है और ऐसे में अपराध का बढ़ना पाकिस्तान के लिए और भी मुश्किलें खड़ी करेगा।
तेजी से नौकरियों की कमी होगी
IMF की शर्तों में बिजली और ईंधन से सब्सिडी हटाना भी शामिल किया गया है। अगर डील होती है तो बिजली के दाम पाकिस्तान में बहुत तेजी से बढ़ेंगे। ये पाकिस्तान की इंडस्ट्री पर नकारात्मक असर डालेंगे। साजिद तरार कहते हैं कि IMF के साथ डील का तीसरा असर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में देखने को मिलेगा, जहां महंगी बिजली से प्रोडक्शन कॉस्ट महंगा हो जाएगा। इससे पाकिस्तानी कंपनियां इंटरनेशनल लेवल पर कंपटीशन से बिल्कुल भी नहीं लड़ पाएंगी। इस क्षेत्र में मंदी आएगी जो अंत में नौकरियों की तेजी से कमी पैदा करेगी।
पाकिस्तान में तेजी से बढ़ेगा भ्रष्टाचार
IMF डील होने के बाद तरार की चौथी चिंता है कि पाकिस्तान में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार में और भी वृद्धि होगी। IMF की सख्त शर्त में टैक्स को बढ़ाना भी शामिल किया गया है। इस दौरान टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के हर अवसर पैदा होंगे। अंत में तरार चेतावनी देते हैं कि IMF के सौदे से पाकिस्तान का मध्यम वर्ग भी गरीबी में चला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई के कारण मिडिल क्लास के हाथ में बचा लगभग पैसा खर्च होगा।
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