फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में इसी साल 11 जनवरी को 10 साल की सजा मिली थी. इसके दो दिन बाद ही लोकसभा सचिवालय ने स्पीकर के आदेश का हवाला देते हुए अयोग्य करार दे दिया था ।
News jungal desk : एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है । और लोकसभा सचिवालय की तरफ से अधिसूचना जारी के मुताबिक से मोहम्मद फैजल के अयोग्यता वाले फैसले को रद्द कर दिया गया है । और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने हाल ही में अपनी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल करी थी । और दरअसल, फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में इसी साल 11 जनवरी को 10 साल की सजा मिली थी । इसके दो दिन बाद ही लोकसभा सचिवालय ने स्पीकर के आदेश का हवाला देते हुए अयोग्य करार दे दिया था ।
केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर लगाई थी रोक बता दें कि फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे आज सुनवाई भी है । और फैजल को हत्या के प्रयास केस में 10 साल की सजा मिली थी । और इसलिए उनको अयोग्य करार दिया गया है । और बाद में केरल हाईकोर्ट ने फैजल की दोष सिद्धि पर रोक लगा दिया था । और उसके बाद फैजल ने अयोग्यता का आदेश वापस लेकर लोकसभा की सदस्यता बहाल करने की मांग की थी । दरअसल, आपराधिक मामले में पूर्व सांसद मोहम्मद फैज़ल की सजा के निचली अदालत के फैसले के बाद 13 जनवरी को लोकसभा महासचिव ने उनकी अयोग्यता की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी कर दिया था ।
चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने का कर दिया था एलान बता दें कि सदस्यता रद्द होने के बाद चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया था । और बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून में यह प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है कि उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है । इसी कानून के तहत सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने के बाद राहुल गांधी की भी सदस्यता रद्द कर दी गई थी ।
केरल हाईकोर्ट से मोहम्मद फैजल को मिली थी राहत
निचली अदालत के फैसले को सांसद मोहम्मद फैजल ने केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । और हाईकोर्ट ने उनका कनविक्शन रद्द कर दिया था । हाईकोर्ट के फैसले को बाद उपचुनाव भी रद्द कर दिया था । और फिर मोहम्मद फैजल ने लोकसभा सचिवालय से उनकी सांसदी बहाल करने की सिफारिश करी थी और अब लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया है ।