जब भी रामायण (ramayana story in hindi) की बात होती है, उसमें राम के साथ रावण का जिक्र जरूर मिलता है | रावण एक अहंकारी राजा था, जिसका अहंकार श्रीराम जी ने तोड़ा | लेकिन क्या आपको पता है एक ऐसे वानर के बारे में जिसने रावण का घमंड चकनाचूर किया था| आइए उस वानर (Pauranik katha in hindi) के बारे में जानते हैं |
पौराणिक महाकाव्य (Hindu Mythology) रामायण में बाली का जिक्र मिलता है । वह किष्किंधा के राजा और वानर राजा सुग्रीव के बड़े भाई थे । रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र बाली (Pauranik katha in hindi) को वरदान दिया गया था कि जो कोई भी उससे लड़ेगा उसकी आधी शक्ति उसमें स्थानांतरित हो जाएगी । इस वरदान के कारण ही उन्होंने लंका के राक्षस राजा रावण को हराया और कई शक्तिशाली राक्षसों को पाताल लोक भेजा ।
पौराणिक कथाओं (About Indian Mythology) के अनुसार , बाली ने शक्तिशाली रावण को अपनी कांख में दबाकर 6 महीने तक अपने वश में रखा था । बाली कौन था और उसने रावण को अपनी कांख में क्यों दबा लिया था , इसके पीछे की पौराणिक कहानी (Pauranik Kahaniyan) मालूम है ।
कौन था बाली?
बाली महाकाव्य रामायण (ramayana story) के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक था , जो किष्किंधा के वानरों का राजा था । जब रावण माता सीता का हरण कर लंका ले गया, तब भगवान राम इधर – उधर सीता की खोज कर रहे थे । इसी दौरान राम की मुलाकात हनुमान से हुई।
वह हनुमान ही थे जिन्होंने राम और सुग्रीव के बीच मित्रता कराई थी । सुग्रीव का छोटा भाई बाली था । अत्यधिक शक्तिशाली होने के कारण उन्हें महाबली बाली कहा जाता था । अपनी प्रबल शक्ति से बाली ने अपने भाई सुग्रीव के राज्य और यहाँ तक कि उसकी पत्नी पर भी कब्ज़ा कर लिया । इसी कारण भगवान राम ने स्वयं बाली का वध किया था ।
बाली से हारा था रावण
रावण का अंत श्रीराम द्वारा किया गया | ” हालाँकि , बाली रामायण (ramayana story in hindi) का एक किरदार थे जिन्होंने श्री राम के मिलने से पहले ही रावण को पराजित कर दिया था । बाली के सामने , सर्वशक्तिमान , बहादुर और लंका के राजा रावण को माफी माँगने के लिए मजबूर होना पड़ा । “
बाली और रावण के बीच युद्ध
बाली को ब्रह्मदेव से वरदान प्राप्त था कि, जो कोई भी उसके सामने युद्ध के लिए आएगा, उसकी आधी ताकत बाली (Ramcharitmanas in Hindi) में समाहित हो जाएगी | परिणामस्वरूप , अपने विरोधियों से आधी शक्ति प्राप्त कर लेने के कारण बाली और भी अधिक शक्तिशाली हो गया |
रावण को क्यों हो गया था घमंड?
लंका के राजा रावण ने अपने बल और पराक्रम से कई राज्यों और राजाओं को परास्त किया था । रावण को वरदान प्राप्त था कि उसे देवता, दानव, राक्षस, किन्नर , गंधर्व, नाग या गरुड़ कोई नहीं मार सकेगा । इस वरदान के कारण रावण अहंकारी हो गया । जब रावण को बाली की अपार शक्तियों के बारे में पता चला तो वह उससे ईर्ष्या करने लगा और उसे युद्ध के लिए चुनौती दी ।
परिणामस्वरूप रावण और बाली ( Pauranik katha in hindi) हनुमान से नहीं इस वानर से डरता था महाबली रावण !के बीच युद्ध हुआ । वरदान के कारण , रावण की आधी शक्ति बाली में समा गई , जिससे वह और भी शक्तिशाली हो गया और रावण की हार सुनिश्चित हो गई । बालि ने रावण को कैद कर लिया और प्रतिदिन उसका अपमान करता था ।
रावण को 6 महीने तक बगल में दबाकर रखा
बालि ने रावण को मारा नहीं था , परन्तु वह उसे प्रतिदिन अपमानित करता था । बाली हर दिन रावण को अपनी तरफ दबाता था और उसे सभी दिशाओं में घुमाता था और सबके सामने उसे अपमानित करता था । बालि ने ऐसा लगभग 6 महीने तक किया|
बाली और रावण में हुई दोस्ती
“हर दिन शर्मिंदा होकर रावण ने बाली से माफी मांगी और अपनी हार स्वीकार कर ली , जिसके बाद बाली ने रावण को माफ कर दिया । इसके बाद रावण ने बाली के सामने मित्रता का प्रस्ताव रखा , जिसे बाली ने स्वीकार कर लिया। इस तरह युद्ध के बाद बाली और बाली के बीच मित्रता हो गई ।
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