पीएम मोदी ने महाकुंभ में किया पवित्र स्नान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में पूजा-अर्चना की और संगम में पवित्र डुबकी लगाई।(Mahakumbh) इस महाकुंभ का विश्वभर में विशेष महत्व है। कुंभ मेले का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस वर्ष प्रयागराज महाकुंभ कई मायनों में खास है, क्योंकि 144 वर्षों बाद एक विशेष खगोलीय संयोग बना है, जो कुंभ स्नान के महत्व को और अधिक बढ़ा देता है।
5 फरवरी 2025 का विशेष महत्व
5 फरवरी 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी दिन को महाकुंभ में गंगा पूजन और स्नान के लिए चुना। पंचांग के अनुसार, इस दिन विशेष संयोग बन रहे हैं, जो इसे और भी पवित्र बना देते हैं।
भीष्म अष्टमी का पर्व
5 फरवरी 2025 को भीष्म अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन व्रत रखने की परंपरा भी है और इसे “भीष्म तर्पण दिवस” के रूप में जाना जाता है। महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह को गंगा पुत्र कहा जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान और पितरों का तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। पीएम मोदी ने इस विशेष दिन पर गंगा स्नान करके आध्यात्मिक परंपराओं का पालन किया।(Mahakumbh)
शनि और मंगल का गोचर
पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी 2025 को मकर राशि में मंगल का गोचर हो रहा है। मकर राशि शनि की राशि है और शनि को न्याय का देवता व कर्मफलदाता कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है, जिसका स्वामी मंगल होता है। इसके अलावा, पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर को हुआ था और अंक ज्योतिष के अनुसार उनका मूलांक 8 बनता है, जिसका स्वामी शनि है। इन संयोगों के कारण 5 फरवरी 2025 का दिन धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी बनता है।
भरणी नक्षत्र में किया स्नान
पीएम मोदी ने जिस समय संगम में डुबकी लगाई, उस समय भरणी नक्षत्र था। भरणी नक्षत्र मेष राशि के अंतर्गत आता है और इसका संबंध यम देवता से है। इस नक्षत्र में पूजा करने से मंगल और शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है। शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य और कलात्मकता का प्रतीक माना जाता है। भरणी नक्षत्र को एक शक्तिशाली नक्षत्र माना जाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ होता है।
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निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी 2025 को महाकुंभ में गंगा स्नान और पूजा का विशेष संयोग बनाकर इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया। (Mahakumbh) इस दिन के खगोलीय और धार्मिक संयोगों ने इसे और भी पवित्र और शुभ बना दिया। कुंभ मेला सदियों से आध्यात्मिक उन्नति और भारतीय संस्कृति का प्रतीक रहा है, और पीएम मोदी का इसमें भाग लेना इस आयोजन के महत्व को और भी बढ़ा देता है