ईरान के डिप्टी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ लोग स्कूल जाने वाली लड़कियों को जहर दे रहे थे. नवंबर के अंत से लड़कियों को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें शुरू हो गई थीं
News Jungal desk : ईरान में लड़कियों की पढ़ाई और पहनावे को लेकर गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । और पहले हिजाब के खिलाफ जंग के बाद अब लड़कियों को स्कूल जाने से मना करने कोशिश हो रही है । ईरान का धार्मिक शहर माने जाने वाला कॉम में पिछले कुछ महीनों से सैकड़ों लड़कियों को जहर देने का मामला प्रकाश में आया है । लड़कियों को सिर दर्द, कफ, सांस लेने में दिक्कत, घबराहट और सुन्न होने जैसी शिकायतों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था । हालांकि अब जाकर इस बात की पुष्टि हुई है कि लड़कियों को जहर दिया जा रहा था ।
ईरान के डिप्टी स्वास्थ्य मंत्री ने बोला कि कुछ लोग स्कूल जाने वाली लड़कियों को जहर दे रहे थे । और नवंबर के अंत से लड़कियों को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें शुरू हो गई थीं । और हाल ही में 22 फरवरी को 15 लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था । और जिन्हें सिर दर्द, कफ, सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतें थीं । और इसके बाद यहां की सरकार ने जांच के आदेश दिए तो मामले का खुलासा हुआ है । हालांकि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी या किसी तरह की कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है ।
बताया जा रहा है कि कुछ लड़कियों ने क्लासरूम में अजीब से गंध की शिकायत भी करी थी । और स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने बताया कि छात्राओं को जहर जानबूझकर दिया जा रहा है। और पनाही के हवाले से जानकारी देते हुए समाचार एजेंसी ने बताया कि क्यूम स्कूलों में कई छात्राओं को जहर दिए जाने के बाद, यह पाया गया है कि कुछ लोग चाहते थे कि सभी स्कूलों, खासतौर पर लड़कियों के स्कूलों को बंद कर दिया जाए ।
आप को बता दें कि पिछले हफ्ते अभियोजक जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी ने घटनाओं की न्यायिक जांच के लिए आदेश जारी किए थे । और बता दें कि साल 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद पूरे ईरान में हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया था । कई हफ्तों तक सड़क पर संघर्ष चलता रहा है । इस दौरान कई सौ लोगों की मौत भी हो गई ।
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