प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 1100 जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजन संपन्न हुआ. इसमें 18 मुस्लिम जोड़ों का भी निकाह किया गया. इस दौरान छह मौलवियों ने इन जोड़ों का निकाह पढ़ाया. लेकिन जब प्रमाण पत्र देने के लिए दूल्हा-दुल्हन को बुलाया गया तो उनसे इसके बदले पैसे मांगे गए ।
News jungal desk : प्रयागराज में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है । आरोप है कि निकाह करवाने के दौरान मौलवियों ने सर्टिफिकेट के बदले 500 रुपये लिए । इस बाबत जब संबंधित अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बोला कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी ।
दरअसल, सोमवार को परेड ग्राउंड में 1100 जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजन संपन्न हुआ था । खास बात यह है कि इसमें 18 मुस्लिम जोड़ों का भी निकाह किया गया. इस दौरान छह मौलवियों ने इन जोड़ों का निकाह कार्यक्रम संपन्न करवाया. लेकिन जब प्रमाण पत्र देने के लिए दूल्हा-दुल्हन को बुलाया गया तो उनसे इसके बदले में 500 रुपए मांगें गए थे।
महिला ने कहा- 200 ले लीजिए साहब
आरोप है कि मौलवी ने उपस्थित जोड़ों के परिजनों से ₹500 जमा कराने के लिए कहा. मौलवी ने साफ तौर पर कहा कि पैसे देने के बाद ही प्रमाण पत्र मिलेगा. हालांकि, कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया. लेकिन बिना रुपए उन्हें यह सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया.
कार्यक्रम में उपस्थित एक महिला ने कहा कि साहब ऐसा ना करिए, हमसे 200 ले लीजिए हम गरीब हैं तभी तो यहां शादी करने के लिए आए हैं. इसके बाद मौलवी ने ₹500 का नोट वापस किया. फिर महिला ने ₹200 दे दिया, इसके बाद मौलवी ने सर्टिफिकेट प्रदान किया.
मंत्री ने कहा- होगी जांच
मामले की जानकारी पर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि मौलवी ने रुपए क्यों लिए इसकी जांच कराई जाएगी. समारोह में उपस्थित दूल्हा-दुल्हन से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना था. इस बाबत डीएम संजय कुमार खत्री ने कहा कि जिन मौलवी ने परिवार वालों से रुपए लिए हैं, उनके खिलाफ जांच करवाकर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी. यहां प्रमाण पत्र के नाम पर किसी भी प्रकार का रुपए लेने का प्रावधान नहीं था.
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