कानूनी जानकारों के मुताबिक सजा पाने के बाद जब तक दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगेगी तब तक राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने का खतरा बरकरार रहेगा,
News jungal desk : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दो साल की सजा होने के बाद हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा है क्या वे संसद सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि मानहानि मामले में दो साल की सजा पाते ही राहुल गांधी एक सांसद के रुप में अयोग्य स्वतः हो गए हैं. यह सजा अपने आप में विचित्र है. एक टीवी चैनल से बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने बेशक राहुल गांधी की सजा को एक महीने के लिए निलंबित किया है लेकिन यह काफी नहीं है. सजा पर रोक लगने तक यह आप नहीं कह सकते कि उनकी सदस्यता खत्म नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि संसद की सदस्यता से वह अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं
कानूनी जानकारों के मुताबिक सजा पाने के बाद जब तक सजा पर रोक नहीं लगेगी तब तक राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने का खतरा बरकरार रहेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे मामलों पर चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करने वाले वकीलों का कहना है कि जमानत मिलने और एक महीने के लिए सजा निलंबित किए जाने के बावजूद राहुल गांधी खत्म हो गई है. चुनाव आयोग के पूर्व वरिष्ठ कानूनी सलाहकार एस के मेंदीरत्ता ने कहा कि संविधान की धारा 8 (3) में बहुत स्पष्ट है कि जिन सांसदों या विधायकों को दो या दो साल से अधिक सजा सुनाई गई हो उनकी सदन से सदस्यता स्वतः खत्म हो जाती है. अदालत को दोषी सांसद या विधायक को अयोग्यता से बचाने के लिए दोषसिद्धि और सजा दोनों पर रोक लगानी चाहिए. तभी उसकी सदस्यता बच सकती है.
नाम न छापने की शर्त पर चुनाव आयोग के एक अन्य पूर्व कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि सजा की मात्रा में कमी (जेल में दो साल से कम) भी अयोग्यता को रद्द कर देगी.इस संबंध में कार्यवाही में समय लगता है. लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल की अयोग्यता से उत्पन्न होने वाली रिक्ति को अधिसूचित करने से पहले राहत की मांग की जानी चाहिए. हाई कोर्ट से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की जा सकती है ।
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