Rajasthan: बेटों ने हथौड़े से तोड़े मां के हाथ-पैर, बचाने आए पिता के साथ बहू और बच्चों ने की मारपीट

अलवर में दो बीघा जमीन को लेकर बेटों ने अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ मिलकर मां के हाथ-पैर तोड़ दिए और अपने पिता के साथ भी बुरी तरह से मारपीट की। पिछले चार साल से बुजुर्ग दंपति अपने बेटों की हैवानियत का शिकार हो रहे थे। उन्होंने पुलिस पर शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।

News jungal desk: अलवर जिले के बीबीरानी थाना इलाके के खेड़ा गांव में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। जहां दो कलयुगी बेटों ने जमीन अपने नाम करवाने के लिए मां के साथ हैवानियत की हद पर कर दी। आरोपी बेटों ने पत्नियों और बच्चों के साथ मिलकर पत्थर तोड़ने वाले हथौड़े से मां के दोनों हाथ और पैर तोड़ दिए। साथ ही बचाने आए पिता के साथ भी मारपीट करके उनको घायल कर दिया। बुजुर्ग दंपति को अलवर जिले के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

घायल वृद्ध महिला की बेटी बीना ने बताया कि उसके पिता उदय चंद मेघवाल (65) और मां राजबाला (60) से उनके बेटे हितेंद्र और दिलीप उस जमीन को अपने नाम कराना चाहते हैं। लंबे समय से दोनों भाई जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। जिसे लेकर पीड़ित उदय चंद की बेटियों ने थाने में शिकायत भी दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे दोनों बेटों और बहुओं की हिम्मत और बढ़ गई। 

बुधवार सुबह पिता उदय चंद और माता राजबाला घर पर बैठे थे, इसी दौरान दिलीप और हितेंद्र ने अपनी-अपनी पत्नियों के साथ मिलकर वृद्ध मां राजबाला पर हमला कर दिया। आरोपियों ने उनके दोनों पैरों पर हथौड़े से वार किए। उन्होंने बचाव के लिए हाथ आगे किया तो हाथ पर भी हथौड़ा मारा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। इस बीच पत्नी का बचाव करने आए उदय चंद को भी बेटे और बहुओं ने मिलकर मारा। मारपीट में बुजुर्ग उदय चंद को भी कई चोटें आईं हैं। दोनों बुजुर्गो को गंभीर हालत में अलवर के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

पैरों की हडि्डयों में हुए एकाधिक फ्रैक्चर 
आरोपी बेटे-बहुओं ने बुजुर्ग महिला राजबाला से मारपीट में हैवानियत की हदें पार कर दीं। डॉक्टर ने बताया कि बुजुर्ग महिला को जब हॉस्पिटल लाया गया था तो उनके पैर टूटकर लटके हुए थे और उनमें से बहुत खून निकल रहा था। एक्सरे करवाने पर पता चला कि उनके पैरों की हडि्डयों में मल्टीपल फ्रैक्चर हुए हैं। पैरों का ऑपरेशन कर रॉड डालनी पड़ेगी। हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया कि बुजुर्ग दंपति अस्पताल आने पर दर्द से बेचैन थे और कराह रहे थे। दोनों बार-बार बोल रहे थे कि ऐसी औलाद भगवान किसी को नहीं दे

बहुओं को लगता था की बेटियों के नाम कर देंगे जमीन
घायल पिता ने बताया कि परिवार की और बेटों की इज्जत को कोई आंच न आए इसलिए हम दोनों पति-पत्नी हमारे साथ हो रही ज्यादती को सहन कर रहे थे और अभी तक ये बात किसी को नहीं बताई। जमीन के बंटवारे को लेकर कई बार झगड़ा भी हुआ है। बहुओं को लगता है कि हम अपनी सारी जमीन अपनी बेटियों के नाम  कर देंगे, इसी डर से दोनों बेटे और बहुएं पिछले 4 साल से हमारे साथ आए दिन मारपीट करते तथा जमीन अपने नाम करने की बात करते थे । 

छोटे बेटे परविंदर के साथ रहता था दंपति
घायल पिता उदयचंद ने बताया कि उंनके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। दिलीप, हितेंद्र, परविंदर और बेटियां लक्ष्मी, बीना और मधु हैं। सभी बेटों और बेटियों की शादी हो चुकी है। घर का बंटवारा भी कर दिया गया है, दिलीप और हितेंद्र अलग रहते हैं। वहीं, पास में ही छोटे बेटे परविंदर का भी मकान है। दिलीप और हितेंद्र कारपेंटर का काम करते हैं। उन दोनों का व्यवहार हमें अच्छा नहीं लगता, इसलिए हम सबसे छोटे बेटे परविंदर के साथ ही रहते हैं। वो एक किसान है और खेती का काम करता है । 4 साल पहले जब तीनों बेटियों की शादियां की थी , तब तक सबकुछ ठीक था। लेकिन, इसके बाद दिलीप (32 साल) और हितेंद्र (28 साल) और उनकी पत्नियों का सव्भाव बदलने लगा। आए दिन झगड़ा और मारपीट करना शुरू कर दिया।

पिछले चार साल से कर रहे थे मारपीट
गांव की 8 बीघा जमीन को दिलीप और हितेंद्र के नाम पहले ही करवा दिया है। अब केवल 2 बीघा जमीन का हिस्सा बचा है। बहुओं ने बेटों के दिमाग में ये भर दिया कि हम बाकी बची जमीन बेटियों के नाम कर देंगे। इसी कारण से दोनों बेटों और बहुओं का हमारे साथ पिछले 4 साल से विवाद चल रहा है और वो लगातार हमसे जमीन उनके नाम करने की मांग कर रहे है । 25 जून को भी जमीन के लिए बेटों में हमारे साथ मारपीट की थी। जिसके चलते मुझे सोमवार को थाने जाकर दोनों बेटों की शिकायत करनी पड़ी थी। शिकायत पर एक पुलिस वाला घर आया और कुछ बातचीत करके चला गया, लेकिन हमारी सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की और बेटे बहुओं को पाबंद भी नहीं किया।

बेटों और बहुओं द्वारा किए जा रहे बर्ताव की चर्चा करने में आती है शर्म 
मंगलवार सुबह करीब 5:00 बजे, छोटा बेटा परविंदर खेत में गया था और राजबाला चाय बनाकर लाई थी। मेरे हाथ में चाय का गिलास था, तभी हितेंद्र बाहर से चिल्लाते हुए आया और दिलीप को भी आवाज लगाकर बुलाया कि आज इन दोनो इलाज करते हैं। दोनों बेटे, उनकी पत्नियां और  बच्चे भी आए। दिलीप और उसकी पत्नी ने राजबाला के हाथ पकड़ लिए और हितेंद्र ने घर के आंगन में पड़े पत्थर तोड़ने वाले हथौड़े से मां के पैरों में बेरहमी से वार किया। मेरी पत्नी राजबाला चिल्लाती रही, लेकिन उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी।  मैंने बीच-बचाव करने गया तो बेटों ने मुझे भी लात-घूसों से खूब पीटा। ये बात बोलने में भी शर्म आ रही है कि मारपीट में मेरे बेटे, उनकी पत्नियां और बच्चे तक शामिल है। 

आरोपियो को गिरफ्तार कर सुरक्षा दिलाई जाए
पीड़ित पिता ने कहा कि हमें अपने बेटों और बहुओं से सुरक्षा की जरुरत है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। बता दें, 2 साल पहले भी बेटों ने उनका सिर फोड़ दिया था। उस समय बुजुर्ग दंपत्ति को जयपुर तक इलाज कराना पड़ा था। अब पिता ने सरकार से मांग है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही उनका कहना था कि अब तक 4 बार शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है लिहाजा आरोपी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाए।

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