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वेट्टैयन मूवी रिव्यू: आमने-सामने अमिताभ बच्चन रजनीकांत, एनकाउंटर की पिच पर कमजोर पड़ती कहानी

साउथ सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) अपनी नई फिल्म वेट्टैयन (Vettaiyan) से दमदार वापसी कर रहे हैं। इस फिल्म में 33 साल बाद अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और रजनीकांत की जोड़ी देखने को मिल रही है, जिससे फैंस की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। तो आइए जानते हैं कि ये फिल्म कैसा अनुभव देती है।

कहानी का सार:


फिल्म की कहानी एक सरकारी स्कूल की टीचर सरन्या (दुशारा विजयन) की हत्या से शुरू होती है। पुलिस अधिकारी अथियन (रजनीकांत) इस केस को सुलझाने के लिए आते हैं, और इसी दौरान राज्य में हो रही अन्य हत्याओं का भी खुलासा होता है। प्रशासन इन अपराधियों को खत्म करने के लिए एनकाउंटर का सहारा लेता है। लेकिन जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, पुलिस अधिकारी अथियन का सामना न्याय के प्रतीक न्यायाधीश सत्यदेव (अमिताभ बच्चन) से होता है। आगे की कहानी में कौन सही है, कौन गलत, और क्या होता है इस संघर्ष का अंजाम, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

अभिनय:

फिल्म में रजनीकांत और अमिताभ बच्चन की अदाकारी बेजोड़ है। रजनीकांत ने अपने एक्शन और स्टाइल से फिर से फैंस का दिल जीत लिया है, वहीं अमिताभ बच्चन अपनी गंभीरता और वजनदार संवादों से प्रभावित करते हैं। रीतिका सिंह ने पुलिस ऑफिसर रूपा की भूमिका में शानदार काम किया है। उनकी एक्शन सीक्वेंस विशेष रूप से ध्यान खींचते हैं। राणा दग्गुबाती और फहाद फासिल ने भी अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है, हालांकि कुछ दृश्यों में उनकी एक्टिंग थोड़ी बनावटी लगती है।

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निर्देशन और कमजोरियां:

फिल्म का निर्देशन टीजे ज्ञानेवाल ने किया है, लेकिन यहां कुछ खामियां नजर आती हैं। कहानी का मुख्य फोकस नैतिकता और एनकाउंटर के बीच की लड़ाई पर है, लेकिन इसे जितनी गहराई से दिखाया जाना चाहिए था, उतना असरदार नहीं हो पाया। वीएफएक्स (VFX) का काम भी कुछ जगहों पर कमजोर नजर आता है, जिससे एक्शन सीन उतने प्रभावशाली नहीं लगते। कहानी की संरचना भी थोड़ी बिखरी हुई लगती है, जिससे फिल्म की पकड़ ढीली हो जाती है।

सिनेमैटोग्राफी और एक्शन:

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी औसत है। एक्शन सीक्वेंस में कुछ नयापन और रोमांच की कमी महसूस होती है। रजनीकांत और अन्य कलाकारों ने अपने एक्शन सीन्स में पूरी मेहनत की है, लेकिन कमजोर निर्देशन और दृश्य प्रभावों के चलते वो दम नहीं बन पाता।

हमारी नजर से ..

वेट्टैयन एक बड़ी स्टारकास्ट के बावजूद अपनी कमजोर कहानी और निर्देशन के कारण निराश करती है। रजनीकांत और अमिताभ बच्चन की जोड़ी देखने लायक है, लेकिन फिल्म की कमजोरियाँ इसे औसत से ऊपर नहीं ले जाने देतीं। अगर आप इन दोनों सितारों के प्रशंसक हैं, तो एक बार देखने के लिए जा सकते हैं, पर एक बेहतरीन फिल्म की उम्मीद न करें।

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