Inflation Target : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई ने लोगों को खूब परेशान किया है. इस पूरे साल खुदरा महंगाई की दर हमारे लक्ष्य से ऊपर बनी रह सकती है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर बताया कि आने वाले समय में सब्जियों की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी.
News Jungal Desk: आम आदमी की थाली का टमाटर इतना खास हो गया है कि उसने रिजर्व बैंक के गवर्नर को भी चिंता में डाल दिया है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में महंगाई को सबसे बड़ी चुनौती कहा है. गवर्नर ने कहा है कि इस साल महंगाई ‘डायन’ का मुंह और भी बड़ा होने वाला है. इसका सबसे ज्यादा असर आम आदमी पर ही देखने को मिलेगा. गवर्नर ने चालू वित्तवर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान भी बढ़ा दिया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को साफ कहा है कि चालू वित्तवर्ष में महंगाई की दर पिछले अनुमान से 0.30 फीसदी से ज्यादा रह सकती है. इससे पहले जून की एमपीसी बैठक में खुदरा महंगाई की दर का अनुमान 5.1 फीसदी तक रहने का था, जो अगस्त की बैठक में बढ़ाकर 5.40 कर दिया गया है. गवर्नर ने कहा है कि चालू वित्तवर्ष में महंगाई दर हमारे लक्ष्य से काफी ज्यादा रहने का अनुमान है, जो सबसे बड़ी चुनौती होगी. गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में ही खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है.
धीरे-धीरे घटेगी महंगाई
गवर्नर दास ने कहा है कि खुदरा महंगाई दर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, समय के साथ घटती रहेगी. अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में यह दर गिरकर 5.7 फीसदी पर आ जाएगी. पहले इसका अनुमान 5.4 फीसदी रहने का था. इसके अलावा जनवरी-मार्च तिमाही में भी खुदरा महंगाई की दर 5.2 रहने का अनुमान है तो 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. कुल मिलाकर अभी एक साल तक महंगाई की दर 5 फीसदी से नीचे आने की संभावना नहीं दिख रही, जबकि आरबीआई का लक्ष्य इसे 4 फीसदी के दायरे में लाने का है. गवर्नर दास ने सबसे ज्यादा चिंता सब्जियों को लेकर जताई है. उन्होंने कहा कि खाने-पीने की चीजों की महंगाई ने सबसे ज्यादा परेशान किया है. टमाटर से लेकर सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं, जिसने आम लोगों की थाली महंगी कर दी है. अगले कुछ महीनों में इनकी कीमतों में गिरावट जरूर देखने को मिलेगी, लेकिन उससे पहले महंगाई परेशान कर रही है. खरीफ की फसल आने और अल नीनो का प्रभाव कम होने से खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट दिखेगी.
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