महिला और दो पुरुषों कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है. इससे पहले वह, सीएम सुक्खू से भी मुलाकात कर चुके हैं ।
News jungal desk : ऑउटसोर्स कर्मचारियों ने महिला आईएएस अफसर के घर पर झाड़ू-पोछा और बर्तन साफ करने से इंकार किया तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया । और मामला हिमाचल प्रदेश के शिमला से जुड़ा है । हिमाचल की स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी पर बड़ा आरोप लगा है . दरअसल, तीनों पीड़ित कर्मचारियों को नेशनल रूरल हेल्थ मिशन में ऑउटसोर्स पर रखा गया था । तीनों पीड़ित कर्मचारियों का आरोप है कि महिला अफसर उन्हें घर पर काम करने के लिए बुलाती थी । जब उन्होंने घर का काम करने से इंकार कर दिया तो अब उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है । और शुक्रवार को ये कर्मचारी स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल से मिलने पहुंचे थे और उन्होंने मसले के हल पर आश्वासन दिया है ।
बाद में इन 3 कर्मचारियों ने शिमला में मीडिया से भी बातचीत की और बताया कि कर्मचारी करीब 4 जून से स्वास्थ्य सचिव के कार्यालय में काम कर रहे थे और इन के आरोप के अनुसार, जिस समय इन्हें एनएचएम से स्वास्थ्य सचिव के कार्यालय भेजा गया था, उस दौरान वह छुट्टी पर थी । और जब वह छुट्टी से वापस लौटी तो उसके बाद उन्होंने तीनों कर्मचारियों को अपने घर जाकर उनका काम करने को कहा. काम करने से मना करने के बाद ही तीनों को नौकरी से निकालने का फैसला किया गया है । और एक महिला कर्मचारी का कहना है कि वह दिव्यांग है और 35 किमी दूर से आती है । और ऐसे में उसे सुबह 8 से शाम को आठ बजे तक काम करना मुश्किल है । एक अन्य कर्मचारी ने बोला कि उसके पिता हार्ट के पेशेंट हैं । और वह पहले दफ्तर में काम करते थे ।
पिछले करीब 2 महीने से यह कर्मचारी प्रदेश सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं ताकि इनकी नौकरी बच सके । लेकिन प्रदेश सरकार और अफसरशाही के आगे इन मजबूर कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हुई है ।
आरोपों पर स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कैमरे पर आने से साफ इंकार कर दिया । और हालांकि, इतना जरूर कहा कि कर्मचारियों के सभी आरोप निराधार है । उन्होंने कहा कि घर पर काम करने के लिए उनके पास लोग हैं तो फिर वहीं कर्मचारियों को अपने घर पर काम करने के लिए क्यों भेजेंगे । वह तमिलनाड़ू से अपने साथ दो लोग लाई हैं. स्वास्थ्य सचिव ने आरोप लगाते हुए कहा कि इनमें से एक कर्मचारी करीब 40 दिन तक बिना बताए छुट्टी पर था और पूरे महीने की सैलरी भी उसे दी गई. काम में अनियमितता देखते हुए जिस कंपनी के जरिए इन कर्मचारियों को रखा गया है उस कंपनी को तीनों कर्मचारियों के काम में की जा रही अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी गई. जरूरत पड़ी तो इन तीनों कर्मचारियों को रिप्लेस किया जाएगा ।
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