Reliance Industries Limited : भारत और एशिया के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी (Reliance Industries Owner)सरकारी तेल कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं | रिलायंस इंडस्ट्रीज का लक्ष्य सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की पाइपलाइन और भंडारण सुविधाओं तक पहुंचना है ।
इन पाइपलाइन और स्टोरेज का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने पिछले कई साल में किया है। वे डिपो और तेल रिफाइनरियों से हवाई अड्डों तक विमानन ईंधन की आपूर्ति करते हैं।
क्या है मुकेश अम्बानी का लक्ष्य (Reliance Industries Limited News) ?
Mukesh Ambani News : रिलायंस (Reliance Industries) का लक्ष्य इन सुविधाओं तक पहुंच कर एशिया के कुछ व्यस्त हवाई अड्डों पर विमानन ईंधन कारोबार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करना है । देश के कुल विमान ईंधन (ATF) उत्पादन में रिलायंस की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है।
रिलायंस दिल्ली हवाई अड्डे के बाहर के स्टोरेज डिपो के अलावा मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों तक जाने वाली पाइपलाइन तक पहुंच चाहती है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा की जाने वाली एटीएफ आपूर्ति की तुलना में फिलहाल रिलायंस की हिस्सेदारी काफी कम है।
भारत में पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक , पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ( पीएनजीआरबी) ने सभी मौजूदा और भविष्य के हवाई अड्डों पर पाइपलाइनों के माध्यम से एटीएफ की आपूर्ति पर मसौदा नियमों पर टिप्पणियां मांगी हैं । नियामक ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ईंधन की लागत कम करने के लिए सभी आपूर्तिकर्ताओं को आपूर्ति के लिए इन पाइपलाइनों तक पहुंच होनी चाहिए ।
पीएनजीआरबी के मसौदे पर रिलायंस ने यह सुझाव दिया है। हालांकि, देश का ईंधन बाजार मुक्त है लेकिन देश के व्यस्त हवाई अड्डों पर एटीएफ की आपूर्ति दशकों से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) द्वारा बनाई गई पाइपलाइन से की जाती है।
एटीएफ की बढ़ती डिमांड (Reliance Industries News) :
रिलायंस (Reliance industries limited news today) विशेष रूप से एक दशक से अधिक समय से मुंबई हवाई अड्डों पर एटीएफ की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन तक पहुंच का अनुरोध कर रहा है । कंपनी ने कहा है कि पाइपलाइन की रेंज में भंडारण सुविधाएं (जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा तीसरे पक्ष तक पहुंच प्रदान करती हैं ) और पंप स्टेशनों को ‘ऑफ-साइट’ टर्मिनल सुविधाओं में शामिल किया जाना चाहिए , क्योंकि वे एटीएफ आपूर्ति श्रृंखला का एक अनिवार्य हिस्सा हैं ।
रिलायंस (Mukesh Ambani News in Hindi) का दावा है कि इससे प्रतिस्पर्धी बाजार में हवाई अड्डे पर ‘ऑन-साइट’ भंडारण सुविधाओं के लिए एटीएफ की आपूर्ति और वितरण को बढ़ावा मिलेगा ।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रिफाइनरियां 1.71 करोड़ टन एटीएफ का उत्पादन करती हैं , जिसमें से 82 लाख टन की घरेलू खपत होती है और बाकी निर्यात किया जाता है । जामनगर में , रिलायंस लगभग 50 लाख टन का उत्पादन करने वाली दो रिफाइनरियों का संचालन करती है , जिसमें उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा निर्यात किया जाता है । देश में हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है , जिससे एटीएफ(Energy – Reliance) की मांग बढ़ रही है । वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक एटीएफ की मांग 11.8 % बढ़ गई है |
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