Relationship Goals: आजकल के इस नए युग में ऐसी बहुत सी घटनाएँ देखने को मिल रही है, जिनमें किसी का फ्रिक करना कई बार आपको बुरा लगने लगता है | किसी भी व्यक्ति को उस इंसान से अक्सर चिढ़ होने लगाती है जो उसकी सबसे ज्यादा क़द्र करता है। अगर आपके रिश्ते-नाते (Rishte Naate) भी इस समस्या का शिकार है तो इस आर्टिकल द्वारा हम आपको इसके समाधान बतायेंगे |
अक्सर ऐसा होता है कि जब कोई व्यक्ति हमारे लिए बहुत चिंतित होता है तो वह समय समय पर हमसे जुड़े रहने और हमारे दिनचर्या के बारे में जानना के लिए इच्छुक होता है | कभी कभी उनकी ये चिंता सामने वाले व्यक्ति को परेशान (unhealthy relationship) करने लगती है | वह उस व्यक्ति से दूर होने लगता है |
क्यों होती है रिश्तों में दूरियाँ
किसी किसी को चीढ़ (sign of unhealthy relationship) होने लगती है, जब कोई उसे फ़ोन करके उसके प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर करता है | हालाँकि, सबके साथ ऐसा नहीं होता है, लेकिन उस पल को सोचिए जब आप कहीं बाहर हों और तभी आपके घर से आपकी बीवी या आपके माता पिता की कॉल आ जाए |
ऐसे में दिनभर की थकान के बाद वह सवालों की झड़ी लगा देते है | कहाँ हो, क्या कर रहे हो, खाना खाया, खाने में फास्ट फूड क्यों खाया, तो आपको गुस्सा आने लगता है और आप उनसे सही तरह से बात भी नहीं करते है | ये पति-पत्नी, माता-पिता और बच्चे या हर उस रिश्ते (Rishte Naate) में होता है, जिसमें आत्मीयता होती है |
हर वह रिश्ता (Rishte Naate) जिसमें लोग एक-दूसरे की चिंता करते हैं और आपकी खोज-ख़बर लेते हैं। उन रिश्तों में ऐसा देखा जाता है | कुछ लोग परवाह करने की इस आदत से चिढ़ जाते हैं, जो सामने वाले व्यक्ति को दुखी कर देता है। इस तरह के चिड़चिड़ाहट के भाव को दूर करना अच्छे रिश्तों को कायम करने के लिए बहुत जरूरी है।
सामने वाले की भावनाओं का रखें ख्याल
अधिकतर मानव जीवन का यह स्वभाव है की हमें जो चीज़ बड़ी आसानी से मिल जाती है, अक्सर हम उसकी क़द्र नहीं करते। ऐसा ही होता है जब अधिक फिक्र करने वाला व्यक्ति मिल जाए तो उसके प्रति प्रेम खतम हो जाता है | हम उसे बेहद सामान्य ढंग (relationship barriers) से लेने लगते हैं और ऐसे में आपको उसकी भावनाओं की कद्र नही रह जाती |
हम उन्हें बेवजह कुछ भी कह देते हैं, बाद में दो-चार बातें करके उन्हें मना लेते है या फिर ख़ुद नाराज़ हो जाते है | ताकि वह परेशान (Barriers to a healthy relationship) होकर अपनी नाराज़गी भूल जाएँ। ऐसा करने से आपको अहमियत तो मिल जाती है, पर उस व्यक्ति की भावनाएँ दब जाती हैं |
इसलिए एक बात गाँठ बाँध लें कि, जो आपको प्यार करता है या आपका भला चाहता है, वही आपकी बेहद फिक्र करता है। इसलिए रिश्ते-नातो (Rishte Naate) में बेवजह किसी व्यक्ति का दिल दिल दुखाने या झल्लाने जैसी हरकतें ना करें | इसके साथ ही उसके साथ प्रेम से रहें और उसका सम्मान भी करें |
रिश्ते-नाते (Rishte Naate) में मनमुटाव न रहें
दरअसल हर व्यक्ति की सहनशीलता की एक सीमा होती है। आप हर रोज़ यदि उसे बुरा महसूस (sign of a toxic relationship) कराएँगे तो एक न एक दिन वो ख़ुद आपसे दूरी बनाना शुरू कर देगा। यदि परवाह करने की आदत पसंद नहीं आ रही है तो उसे प्रेम से समझा सकते हैं कि इतनी पूछताछ या फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है। कोई आपसे आपका हाल-चाल जानने की कोशिश करे और आप ये सुनकर झल्लाने लगें तो समझ लीजिए रिश्ते (reason of unhealthy relationship) में कमज़ोरी आनी शुरू हो गई है।
आदर न भूलें
अक्सर ऐसा होता है कि, अगर बच्चा कही जा रहा है और उनकी माँ, यदि उनसे घर वापस आने का समय पूँछ ले, तो बच्चे जवाब में ‘लो मम्मी आप फिर शुरू हो गईं’ कहने लगते है | पत्नी, पति से खाने (relationship problems) के लिए पूछे तो अक्सर यही सुनने को मिलता है कि तुम रोज़ एक ही सवाल करती रहती हो।
पूछे गए इन साधारण सवालों के उत्तर देने का लहजा जाने-अनजाने में व्यक्ति के सम्मान को ठेस भी पहुँचा सकता है। ख्याल रखें कि कोई व्यक्ति किसी से जैसा व्यवहार करता है, सामने से भी उसी तरह का व्यवहार देखने को मिलता है।
रिश्ते-नातो (Rishte Naate) में गुंजाइश हमेशा बाकी रहे
कई बार गुस्से में आकर लोग सामने वाले का इतना दिल दुखा देते हैं, कि फिर उनके बीच चीज़ें सामान्य होना असंभव हो जाता है। अपने लहजे (Tips for Building a Healthy Relationship) में इतनी नरमी रखें, कि फिर से सब कुछ सामान्य करने की गुंजाइश रिश्तों में हमेशा बनी रहे। ऐसा न हो कि आपके शब्द किसी का मन ही भेद दें।
आपके मुँह से निकले कड़वे शब्द भी वापस नहीं लिए जा सकते। इसलिए दोनों पक्ष (Relationship Problems and Solutions) को इस बात का ख़ास ख़याल रखना चाहिए कि परवाह करने पर ना चिढ़ना है और ना ही इतनी चिंता करनी है,कि सामने वाला रोज़ एक ही सवाल से उब जाए और आपसे चिढ़ने लगे |
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