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Screen Time: अगर इस उम्र में देख रहे है ज्यादा स्क्रीन तो हो सकती है ये दिक्कतें, विशेषज्ञों ने दी जानकारी

Screen Time on computer:हम सभी हर दिन स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह हमारे फोन, कंप्यूटर या टीवी पर हो। लेकिन स्क्रीन को देखने में बहुत ज़्यादा समय बिताना हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह हमारे शरीर और दिमाग दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है, और यह बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को हो सकता है।

स्क्रीन टाइम (Screen Time) उस समयावधि को कहा जाता है जितना वक्त हमारा किसी भी तरह की स्क्रीन के सामने बीतता है। स्क्रीन से ब्लू लाइट निकलती है जो आंखों से लेकर संपूर्ण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।  

आज के डिजिटल युग में मोबाइल-कंप्यूटर से हम सभी घिरे हुए हैं। सेहत पर कम उम्र से ही इसका काफी असर पड़ सकता है, आंखों की बढ़ती समस्याओं के लिए इसे प्रमुख कारक के रूप में जाना जाता है। रोशनी कम होने के साथ-साथ संज्ञानात्मक कौशल में कमी, मोटापा के लिए भी बढ़े हुए स्क्रीन टाइम को खतरा माना जा रहा है। 

आजकल हमारे लिए फोन (Screen time on android)और कंप्यूटर का उपयोग न करना कठिन हो गया है, इसलिए हम सोचते हैं कि बच्चों को उनकी उम्र के आधार पर स्क्रीन देखने में कितना समय व्यतीत करना चाहिए।

स्क्रीन टाइम बढ़ने के कई सारे नुकसान

उम्र के हिसाब से कितना स्क्रीन टाइम ठीक माना जा सकता है, इसे जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि बढ़े हुए स्क्रीन टाइम का सेहत पर किस तरह से असर होता है?

अध्ययनों से पता चता है कि स्क्रीन टाइम बढ़ना बच्चों और वयस्कों सभी के लिए कई कारणों से हानिकारक है। मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा जाता रहा है। स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण अवसाद, चिंता जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम रहता है। ये नींद को भी प्रभावित करने वाली समस्या मानी जाती है, जिसका शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर नकारात्मक असर होता है।

(Screen time on television)अगर आप ज़्यादा समय टीवी या टैबलेट जैसी स्क्रीन देखने में बिताते हैं, तो आप कम घूमेंगे। जब आप ज़्यादा नहीं घूमेंगे, तो इससे वज़न बढ़ना आसान हो सकता है। बहुत ज़्यादा वज़न बढ़ने से दिल की समस्या या मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जो आपके शरीर के लिए अच्छी नहीं हैं।

स्क्रीन टाइम को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कुछ लोग इस बात से चिंतित हैं कि बच्चे टीवी और टैबलेट जैसी स्क्रीन पर कितना समय बिताते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता और शिक्षक बच्चों को इन उपकरणों का बेहतर तरीके से उपयोग करने में मदद कर सकते हैं। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताना बच्चों को अस्वस्थ बना सकता है और कम उम्र में ही समस्याएँ पैदा कर सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ब्राजीलियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक्स के विशेषज्ञों ने कहा, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के स्क्रीन से बिल्कुल दूर रखा जाना चाहिए। कम उम्र में मोबाइल या अन्य स्क्रीन्स के संपर्क के कारण बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। 

दो साल से कम उम्र के बच्चों की मोबाइल पर लत बिल्कुल भी नहीं लगानी चाहिए।

बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है असर

डॉक्टरों का कहना है कि 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों को टीवी, टैबलेट या फोन जैसी स्क्रीन पर हर दिन दो घंटे से ज़्यादा समय नहीं बिताना चाहिए। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे ज़्यादा वीडियो गेम खेलना शुरू कर देते हैं और ज़्यादा तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। यह उनके लिए दोस्त बनाने और दूसरों के साथ बातचीत करना सीखने का भी एक महत्वपूर्ण समय है, इसलिए स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा समय बिताना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। अत्यधिक स्क्रीन का उपयोग स्कूल के काम, सामाजिक संबंधों और शारीरिक स्वास्थ्य में बाधा डाल सकता है। 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों का स्क्रीनटाइम तीन से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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