Durga Chalisa Path Niyam: कल यानी 03 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ होने जा रही है। इस दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी। शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ इंद्र योग और हस्त नक्षत्र में हो रहा है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाएगी। इस दौरान देशभर में लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं। भक्त माता रानी की विशेष पूजा के अलावा दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ भी करते हैं। अगर आप भी इस नवरात्रि मां दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो इन नियमों को जानना बहुत जरूरी है। शास्त्रों में दुर्गा चालीसा का जाप करने के कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों के आधार पर पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
दुर्गा चालीसा पाठ के नियम
- दुर्गा चालीसा समाप्त करने के बाद माता की आरती करें और फिर प्रसाद ग्रहण करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- इसके बाद चौकी पर बैठी मां दुर्गा को फूल, रोली, दीपक, दूध और प्रसाद चढ़ाएं ।
- फिर दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करें।
दुर्गा चालीसा पाठ के लाभ
- दुर्गा चालीसा गाने से आपको मानसिक शांति मिलती है और तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको अपने शत्रुओं पर विजय मिलेगी और आपके ऊपर से उनका प्रभाव भी कम हो जाएगा।
- इस चालीसा के पाठ से आत्मविश्वास बढ़ता है और सभी विशेष कार्य सफलतापूर्वक पूरे करने में मदद मिलती है।
- दुर्गा चालीसा का जाप करने से आपके जीवन में बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलेगी और आपके परिवार की बुरी शक्तियों से रक्षा होगी।
- प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का जाप करने से आर्थिक लाभ होता है और जीवन में आने वाली चिंताओं से लड़ने की शक्ति मिलती है।
- ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को खोया हुआ मान-सम्मान और धन-संपदा वापस मिल जाती है।
शारदीय नवरात्रि तिथि
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ: 3 अक्तूबर प्रातः 12 बजकर 19 मिनट से
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त: अगले दिन 4 अक्टूबर की तड़के 2 बजकर 58 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024, दिन गुरुवार से आरंभ होंगी।
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