मोहन यादव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदाई ले ली है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मोदी शाह की जोड़ी उनके बारे में क्या फैसला लेगी। सभी को इस जवाब का इंतजार है।
News jungal desk: भाजपा विधायक दल के नेता मोहन यादव ने बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यादव के मुख्यमंत्री बनते ही शिवराज सिंह चौहान अब पूर्व मुख्यमंत्री हो गए हैं। वे अपनी परफॉर्मेंस से पूरी तरह संतुष्ट भी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शिवराज सिंह को आगे न करके पहले ही यह सिग्नल दे दिए थे कि पार्टी ने उनके लिए अब कुछ और सोच रखा है।
शायद शिवराज को खुद भी इस बात का आभास भी हो गया था। बावजूद इसके उन्होंने इस उम्मीद पर चुनाव में सबसे अधिक 165 सभाएं की। शायद पार्टी उन्हें एक मौका और दे दे। लेकिन भाजपा को 163 सीट के साथ बहुमत मिला। इसके बाद जीत का श्रेय लेने के लिए पार्टी संगठन और शिवराज में प्रतिस्पर्धा होती नजर आई। जहां संगठन ने जीत के लिए मोदी मैजिक को क्रेडिट दिया तो शिवराज ने लाडली बहना को। इसके साथ ही शुरू हुई मुख्यमंत्री पद की दौड़।
मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी
हालांकि उन्होंने खुद अपना फ्यूचर प्लान बताते हुए कहा है कि उनके बारे में फैसला वे नहीं बल्की पार्टी करेगी। अब देखना यह होगा कि पार्टी शिवराज को लेकर क्या फैसला करती है क्या लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दी जाती है। या फिर उन्हे लोकसभा चुनाव लड़ाया जाता है। या पार्टी के फैसले से पहले शिवराज खुद अपने लिए कोई निर्णय लेंगे।
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