कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिख युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं खालिस्तानी आतंकी

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी ह्यूमन ट्रैफकिंग में भी शामिल हैं. वहीं ये आतंकी पंजाब से कनाडा आकर पढ़ाई और नौकरी करने वाले युवाओं पर भी नजर रखे हुए हैं. आतंकी युवाओं से संपर्क करते हैं और उन्हें बहला-फुसलाकर अपने भारत विरोधी मंसूबों को अंजाम देने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं

News jungal desk : कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अपने खतरनाक मंसबूों को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं । और अपनी आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूत करने के लिए कई अलग-अलग गैरकानूनी काम भी कर रहे हैं । जिनमें ‘कबूतरबाजी’ यानी कि अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस कराना शामिल है. इसकी जानकारी खुफिया एजेंसियों ने दी है. रिपोर्ट के मुताबिक सरे, ब्रैम्पटन और एनमोन्टोन सहित अन्य शहरों में स्थित 30 से ज्यादा गुरुद्वारों में खालिस्तानी आतंकियों ने अपनी पैठ बनाकर रखी है ।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी ह्यूमन ट्रैफकिंग में भी शामिल हैं । वहीं ये आतंकी पंजाब से कनाडा आकर पढ़ाई और नौकरी करने वाले युवाओं पर भी नजर रखते हैं । और उनसे संपर्क करते हैं और उन्हें बहला-फुसलाकर अपने भारत विरोधी मंसूबों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते हैं ।

करीब 1 दर्जन खालिस्तानी आतंकी और उनके संगठन खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं । और जो भारत से कनाडा गए सिख युवकों को कनाडा बसाने का सपना दिखाते हैं । और फिर मदद के बदले उन्हें भारत के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने को कहा जाता है. खालिस्तानी तत्व कनाडा में ऐसे सिख युवाओं को पलम्बर, ट्रक ड्राइवर या सेवादार बनाने में मदद करते हैं. कनाडा में बसे आतंकी अर्श डल्ला, लखबीर सिंह लांडा जैसे आतंकियो की मदद से पंजाब में आतंकी हमले की साजिश में भी लगे हुए हैं ।

जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि पंजाब में ड्रोन के माध्यम से पंजाब आने वाले ड्रग्स से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों तक पहुंच रहा है. इस पैसे की ही मदद से खालिस्तानी आतंकी आतंक और नशे के व्यापार को लगातार बढ़ा रहे हैं. कनाडा में मौजूद आतंकवादी अपराधी गठजोड़ ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर ड्रग्स पंजाब तक पहुंचाते हैं. अपने आपराधिक संबंधों के आधार पर इस ड्रग्स को आगे बेचा जाता है. जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि ड्रग्स को बेचने के बाद उसे उसमें से एक बड़ा हिस्सा कनाडा में बैठे आतंकवादी अपराधियों तक जाता है ।

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