News Jungal Desk : अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल की सदस्यता समाप्त होने को एक सियासी मुद्दा बताया ।उन्होंने कहा कि कानून से पहले मुद्दा सियासी है। राहुल गांधी को सच बोलने की सजा दी गई है। राहुल गांधी पर लिया गया ये फैसला पुर्णत: राजनीतिक फैसला है। यह सियासत से प्रेरित मामला है। एक बार फिर राहुल की संसद सदस्यता समाप्त करके सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल की सदस्यता रदद किये जाने का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल की सदस्यता समाप्त होने को एक सियासी मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि कानून से पहले मुद्दा सियासी है. राहुल को सच बोलने की सजा दी गई है. राहुल गांधी पर लिया गया ये फैसला पुर्णत: राजनीतिक है. यह सियासत से प्रेरित मामला है. एक बार फिर राहुल की संसद सदस्यता समाप्त करके सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकारी संस्थाओं का दमन किया जा रहा है. लोकतांत्रिक संस्थाओं का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी अहम मसला है. राहुल गांधी के बयानों से सरकार डर गई है. ये अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है.
सिंघवी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर संसद के नियमों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है . उन्होंने कहा कि राहुल गांधी निडर होकर अपनी बात रखते हैं। ये सबकुछ राहुल की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा सरकार अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। फैसले में जल्दबाजी दिखाई गई है। हालांकि हम कानुनी लड़ाई के लिए तैयार हैं ।
सूरत जिला अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था. इस मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा का ऐलान किया था.
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