Static Electricity in Hindi : किसी सामान या व्यक्ति को छूते ही क्या आपको भी लगता है करंट (static energy in hindi), तो ये वजह है| हममें से बहुत से लोगों ने कभी न कभी किसी चीज या इंसान को छूने पर एक झटका (types of electric shock) सा महसूस किया होगा। आम भाषा में लोग इसे करंट भी बोलते हैं। कभी-कभी अचानक दरवाजे के हैंडल कुर्सी या किसी अन्य व्यक्ति को छूने से हमें हल्का बिजली का झटका (electric shock) लग सकता है। आज इस आर्टिकल में हम इसकी वजह जानने की कोशिश करेंगे।
Static Electricity in Hindi : क्या आपको भी अकसर किसी चीज या किसी व्यक्ति को छूते ही करंट (body current) सा लगता है। अचानक ही किसी को छूते ही इलेक्ट्रिक शॉक लगना असामान्य नहीं है। दरवाजे के हैंडल, कुर्सी या किसी अन्य व्यक्ति को छूने से हमें कभी-कभी हल्का बिजली का झटका लग सकता है, लेकिन क्या यह इलेक्ट्रिक शॉक (electric shock prevention) हमारे लिए हानिकारक होता है? आखिर क्यों और कैसे लगता है बिना बिजली यह झटका ?
आपके मन में भी अगर ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे चीजों या किसी दूसरे व्यक्ति को छूने से यह इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज क्यों महसूस होता है?
इस वजह से लगता है इलेक्ट्रिक शॉक
आप अपने चारों ओर जो कुछ भी देखते हैं, वह परमाणु यानी एटम नामक तत्वों से बना हुआ है। उन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है और यह पॉजिटिव चार्ज वाले प्रोटॉन, नेगिटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बने होते हैं।
ज्यादातर समय, एक एटम न्यूट्रल रहता है यानी कि प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन दोनों की संख्या समान होती हैं, लेकिन जब किसी परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन ऑड नंबर्स में होते हैं, तो इलेक्ट्रॉन उत्तेजित हो जाते हैं। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन इधर-उधर नहीं घूमते हैं और अधिकतर इलेक्ट्रॉन ही बाउंस होते हैं।
इसलिए, ज्यादा इलेक्ट्रॉन होते हैं जब किसी व्यक्ति या किसी वस्तु में, तो यह एक निगेटिव चार्ज बनाता है। इस तरह ये इलेक्ट्रॉन किसी अन्य वस्तु या प्राणी के पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स की ओर आकर्षित होते हैं और कभी-कभी हमें जो झटका महसूस होता है, तो वह इन इलेक्ट्रॉन की तीव्र गति का नतीजा ही होता है।
इलेक्ट्रिक चार्ज बनने के लिए क्या मौसम भी है जिम्मेदार (Beware of Static Electricity Generated by Flowing Liquids) ?
हां, सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक चार्ज सर्दियों में या जब हमारे आस-पास का मौसम ड्राई होता है, तब बनते हैं। हवा ड्राई हो जाती है और हमारी त्वचा की सतह पर इलेक्ट्रॉन आसानी से आ जाते हैं। गर्मियों के दौरान, हवा की नमी निगेटिव आयन किए गए इलेक्ट्रॉन को खत्म कर देती है और हम शायद ही कभी इलेक्ट्रिक चार्ज (electric charge in hindi) महसूस करते हैं।
क्या ये निगेटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन हमेशा रहते हैं?
इलेक्ट्रॉन इधर-उधर चिपके नहीं रहते, बल्कि जैसे ही उन्हें बाहर निकलने का रास्ता मिलता है, वे भाग जाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर हमारे शरीर में इलेक्ट्रॉन की संख्या बहुत ज्यादा है, तो जैसे ही हम पॉजिटिव चार्ज वस्तु के संपर्क में आते हैं, इलेक्ट्रॉन बाहर निकल जाते हैं।
इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज से जुड़ी रोचक बाते (Interesting facts related to electric discharge)
लाइटनिंग जो की एक बड़ा रूप है स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी का जो तब बनती है जब हवा टकराती है बादलों से।
स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी (static energy in hindi) हाई करेंट का कारण तब तक नहीं बनती, जब तक यह लाइटनिंग की तरह बड़े पैमाने पर नहीं होती।
सिल्क या ग्लास रॉड को रगड़कर पॉजिटिवली चार्ज स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी बनाई जा सकती है।
किसी फर को प्लास्टिक या रबर की रॉड पर रगड़ें निगेटिवली चार्ज स्टेटिक करेंट को बनाने के लिए |
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