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शिक्षा का महत्व: जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते है अवली गांव के छात्र, जानिए क्या है पूरा मामला

स्कूल के एक शिक्षक भागवत गायके ने कहा कि आवागमन नावों के माध्यम से होता है और इसलिए बहुत खतरा होता है। बारिश के दौरान नदी का जलस्तर ऊपर आ जाने के कारण छात्रों की आवाजाही कम हो जाती है।

News jungal desk: महाराष्ट्र के भंदारा के अवली गांव के छात्र स्कूल पहुंचने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। छात्रों को नाव के जरिए चुलबंद नदी पार करकेेेेेेे स्कूल जाना पड़ता है क्योंकि नदी पार करने के लिए पुल अभी निर्माणाधीन है।

स्कूल के एक शिक्षक भागवत गायके ने कहा कि आवाजाही नावों के माध्यम से होती है और इसलिए बहुत जोखिम होता है…बारिश के दौरान नदी का जलस्तर ऊपर आ जाने के कारण छात्रों की आवाजाही कम हो जाती है। उन्होने बताया कि हमें नावों का उपयोग करने में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमे जान जाने का भी खतरा होता है। हर दिन करीब 100-150 लोगों का आवागमन होता है और इसके अलावा करीब 30-40 छात्र भी इसे प्रतिदिन पार करते हैं।

अवली गांव के एक छात्र मयूर मेश्राम ने कहा कि हमारे गांव में स्कूली शिक्षा कक्षा 4 तक ही होती है। आगे की पढ़ाई के लिए हमें दूसरे गांवों में जाना पड़ता है जिसके लिए हमें नावों का इस्तेमाल करना पड़ता है। नाव बहुत हिलती है इसलिए डर लगता है, लेकिन पढ़ाई भी बहुत जरूरी है तो जाना पड़ेगा। हमें यथाशीघ्र पुल सेवा की आवश्यकता है ताकि हमारा आवागमन सुगम हो सके

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