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नीतीश कुमार पर सुशील मोदी का कटाक्ष, केजरीवाल के बॉयकाट पर भी उठाया सवाल

Opposition Parties Meeting: बीजेपी के वर्तमान राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चुटीले लहजे में कहा है कि विपक्ष की बैठक ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’, वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. परंतु बैठक के बाद जो चुहिया निकली वह भी मरी हुई मिली. सुशील मोदी ने कहा कि बैठक की केवल एक ही उपलब्धि है कि अगली बैठक का स्थान और तिथि तय हो गई है.

News Jungal Desk: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में भाजपा की 15 विपक्षी पार्टियों की बड़ी बैठक शुक्रवार को पटना में हुई. इसमें विभिन्न दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए और केंद्र की भाजपा सरकार के विरुद्ध 2024 लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने पर सहमति बनी. अब विपक्षी एकता की मीटिंग आगामी 12 जुलाई को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी, जहां इस मामले को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. लेकिन, बीजेपी इस मीटिंग को केवल हौव्वा मात्र बता रही है और इसके परिणाम को टांय-टांय फिस्स कह रही है. भाजपा ने यह भी सवाल पूछा है कि नीतीश कुमार का सियासी कद इस बैठक में बढ़ने वाला था और उनको राष्ट्रीय संयोजक बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन इस बात घोषणा क्यों नहीं की गई?

बीजेपी के वर्तमान राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चुटीले अंदाज में कहा है कि विपक्ष की बैठक ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’, वाली कहावत को चरितार्थ करती है. परंतु बैठक के बाद जो चुहिया निकली वह भी मरी हुई मिली है. सुशील मोदी ने कहा कि इस बैठक की केवल एक ही उपलब्धि है कि अगली बैठक का स्थान और तिथि तय हो चुके हैं. इस बैठक में न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार, न ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हुई.

सुशील मोदी ने सवाल उठाया कि इस बैठक का क्या परिणाम निकला है? क्या नीतीश कुमार को संयोजक बनाने पर कोई फैसला हुआ? विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्यों बायकॉट कर दिया? सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष की बैठक फ्लॉप रही है, क्योंकि इसमें न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर और न ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हुई. उल्टे अरविंद केजरीवाल गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस ही छोड़ कर वापस चले गए.

सुशील मोदी ने कहा कि 7 मुख्य विपक्षी दल बैठक में अनुपस्थित थे. बैठक में शामिल 15 दलों में 10 परिवारवादी दल हैं और 12 दल ऐसे हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हुए हैं. ऐसे वंशवादी और भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टियां ईमानदार नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर पाएंगी. बता दें कि समान विचारधारा वाली पार्टियों की पटना में शुक्रवार को हुई बैठक में अगले चुनाव में एकजुट होकर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई.

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