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Mohan Bhagwat का Swami Prasad Maurya ने किया समर्थन, बोले- आपने तो ठेकेदारों की कलई खोल दी

Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य ने जातिवाद को लेकर दिए गए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान का खुलकर समर्थन किया है। भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय समाज में सभी श्रेणी पंडितों ने बनाई है। इस पर मौर्य ने कहा है कि आपने धर्म के ठेकेदारों की कलई ही खोल दी। साथ ही मौर्य ने रामचरितमानस प्रसंग को भी इसमें जोड़ दिया है।

News Jungal National desk: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की चौपाई के बहाने जातिवाद के मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान से संजीवनी मिल गई है। दरअसल भागवत ने भारतीय समाज में जातिवाद पर बयान देते हुए कहा था कि पंडितों ने सभी श्रेणी बनाई। अब मौर्य ने इस बयान को धर्म के ठेकेदारों की कलई खोलने वाला बताया और कहा कि अब रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आना चाहिए।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) द्वारा बनाई गई है। यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई पूरी तरह खोल दी है। कम से कम अब तो रामचरित मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आना चाहिए।’

समाजवादी पार्टी के MLC बोले, ‘यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को तत्काल ही हटवाएं। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बिल्कुल नहीं बनने वाली है।’

क्या बोला RSS प्रमुख ने?
रविवार को मुंबई में संत रविदास जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा, ‘जाति भगवान द्वारा नहीं बनाई गई है। भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक ही हैं। कोई जाति, कोई वर्ण भी नहीं है। श्रेणी पंडितों ने बनाई, जो बिल्कुल गलत है। देश में चेतना और विवेक सब एक ही हैं। उनमें कोई अंतर नहीं है, बस मत अलग-अलग हैं। जब हर काम समाज के लिए है, तो फिर कोई ऊंचा-नीचा कैसे हो गया।’

उन्होंने कहा, ‘भागवत ने कहा कि हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से ही फायदा उठाया है। सालों पहले देश में कई आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया, नहीं तो हमारी तरफ नजर उठाकर देखने की भी किसी में हिम्मत नहीं थी। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। जब समाज में अपनापन खत्म होता है तो स्वार्थ अपने आप में बड़ा हो जाता है।’

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