Taaza Khabar 2 Review: भुवन बाम और जावेद जाफरी की वेब सीरीज ताजा खबर के बाद अब ‘ताजा खबर सीजन 2’ डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है. इसके लिए आपको बता दें की अगराप भी भुवन भाम के फैन है तो ये सीरीज बिलकुल भी मिस मत करिए
Taaza Khabar 2 Review: ‘लोग बुरे नहीं होते, हालात बुरे होते हैं, झूठी कहावत है, लोग ही बुरे होते हैं… ये है ‘ताजा खबर 2’ का ही डायलॉग , इसके हिसाब से तो ये भी कहा जा सकता है की एक्टर ही बुरे होरते है या फिर वेब सीरीज बुरी होती है लेकिन क्या यह सच है या सिर्फ यह एक डायलाग है
कहानी
तो चलिए आपको इस वेब सिरीज की की थोड़ी सी कहानी बताते है, वंसत गावड़े यानि भुवन बाम की जिन्हें सीजन 1 में वरदान मिला था कि उन्हें हर खबर वक्त से पहले मिल जाएगी और इस वजह से वो समय से पहले बहुत ज्यादा अमीर बन जाता है. वो मैच पर सट्टा लगाता है और खुद तो कमा लेता है लेकिन कई लोगों को नुकसान कर जाता है. उन्हीं में से एक है डॉन यूसुफ यानि जावेद जाफरी, अब वसंत यानि वस्या को यूसुफ के 1000 करोड़ देने हैं लेकिन ये कैसे होगा, क्या ताजा खबर आनी बंद हो गई है, क्या वसंत का वरदान उसका श्राप बन गया है, ये जानने के लिए हॉटस्टार पर ताजा खबर सीजन 2 के 6 एपिसोड देखिए.
कैसी है वेब सीरीज?
ये एक अच्छी वेब सीरीज है, भुवन बाम इस सीरीज की जान हैं. भुवन की फैन फॉलोइंग गजब है और इसका फायदा इस सीरीज को मिलना तय है. भुवन ने इस सीरीज से साबित किया है कि कंटेंट क्रिएटर एक्टिंग कर सकते हैं लेकिन यहां बात सिर्फ भुवन बाम की है, सारे क्रिएटर नहीं कर सकते. इस वेब सीरीज में वो सारे मसाले डाले गए हैं जो एक हिंदी फिल्म में होते हैं और 6 एपिसोड करीब 35-35 मिनट के हैं.
कहानी अपनी पेस से आगे चलती है, कहीं पर लव स्टोरी आती हैं तो कहानी खटकती है, ऐसा लगता है कि इसे छोटा किया जा सकता था. भुवन और जावेद जाफरी के सीन इस सीरीज की जान हैं. भुवन के अपने माता-पिता के साथ वाले सीन काफी इमोशनल हैं, कुल मिलाकर ये वेब सीरीज देखने लायक है. हालांकि पहला सीजन इससे थोड़ा सा ज्यादा अच्छा था क्योंकि वो आइडिया तब फ्रेश था लेकिन इसके बावजूद ये सीरीज देखी जानी चाहिए.
एक्टिंग
एक्टर के तौर पर इस सीरीज में भुवन बाम के कई रूप दिखाई देते है, बेटा, आशिक, दोस्त, पैसे के घमंड में चूर इंसान और हर रूप में भुवन ने अपना जलवा बिखेरा हैं. भुवन ने अपनी एक्टिंग को काफी निखारा है और इसके पीछे की उनकी मेहनत दिखती है, इसके साथ ही इस कहानी में जबरदस्ती की हीरोपंती नहीं दिखाई गई है. जरुरत के हिसाब से ही एक्शन शीन भी दिखाए गए है
जावेद जाफरी ने इस सीरीज को इस बार एक नया एंगल दिया है और वो इस रोल में जमे हुए हैं. उन्हें विलेन के रूप में देखकर काफी मजा आता है, भुवन के साथ उनके सीन काफी कमाल के हैं. श्रिया पिलगांवकर ने भी इसमें अपने किरदार को अच्छे से निभाया है, आपको बता दें की उनमें एक अलग ही कॉन्फिडेंस दिखता है जो बताता है कि उनमें काफी टैलेंट है और उसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. देवेन भोजानी का काम अच्छा है, प्रथमेश परब ने भी अच्छा काम किया है और शिल्पा शुक्ला का काम भी अच्छा है. बाकी के सारे कलाकारों की एक्टिंग भी ठीक है.
डायेरक्शन
हिमांक गौर का डायरेक्शन ठीक है लेकिन अगर वह सीरीज में थोड़ा सा और बदलाव कर देते तो ये और भी अच्छी हो सकती थी. आपको बता दें की पहले सीजन में एक शॉकिंग एलिमेंट था जो अब नहीं है, तो सीरीज को जितना टाइट रखते उतना ही ज्यादा मजा आता, अच्छे एक्टर्स को उन्होंने थोड़ा-सा तो वेस्ट किया है.
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