1990 में  छोडी थी पुलिस की नौकरी, अध्यात्म में हुआ था लीन, सत्संग में जाना लगता था अच्छा, खुद के भक्त बना कर शुरू किये थे सत्संग और फिर सूरजपाल से बन गया साकार विश्व हरी उर्फ़ भोले बाबा, जी हां ये कहानी हाथरस में हादसे के प्रमुख जिसके सत्संग मेंContinue Reading