तीन सदस्यीय टीम ने जच्चा-बच्चा अस्पताल में स्तनपान की विधि और इलाज के बारे में जानकारी ली ।
News Jungal Desk : स्तनपान से मां और बच्चे को कई तरह की बीमारियों से राहत मिलती है, लेकिन आज भी भारत में कई मां अपने बच्चे को सही तरह से स्तनपान नहीं कराती हैं। इस वजह से बच्चे का सही तरह से मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। इस पर रिसर्च कर रही अमेरिका की टीम गुरुवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जच्चा-बच्चा व बाल रोग चिकित्सालय पहुंची।
अमेरिका के हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ( यूनीवर्सिटी) सहायक निदेशक इलाना डीजूबा, सीनियर अनुसंधान वैज्ञानिक लिंडा वीसेल और सहयोगी परियोजना प्रबंधक सू वैरिमु गुरुवार को जच्चा बच्चा अस्पताल पहुंचीं। यहां पर उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता, डॉ सीमा द्विवेदी और बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्या से मुलाकात की। अमेरिका की टीम ने दोनों विभागाध्यक्षों से स्तनपान प्रोजेक्ट पर रिसर्च की चर्चा की।
इसके बाद टीम ने लेबर रूम (सामान्य व सीजेरियन), वार्ड, प्राइवेट व सेमी प्राइवेट रूम, एसएनसीयू वार्ड आदि का निरीक्षण किया। टीम ने वार्ड में बच्चे को मां के स्तनपान कराने के तरीके को देखा और अस्पताल में मिलने वाले इलाज और सुविधा आदि की जानकारी ली। अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने पर टीम के सदस्य आश्चर्य चकित हुए। मीडिया प्रभारी डॉ. सीमा द्विवेदी के मुताबिक अमेरिका के हावर्ड यूनिवसिर्टी से तीन सदस्यीय टीम जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जच्चा-बच्चा में आई थी। उन्होंने स्तनपान पर रिसर्च की जानकारी की।
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