आतंकवादी संगठनों ने अपने प्रमुख आतंकवादियों से कहा है कि अगले निर्देश तक वह किसी भी निकाह पार्टी आदि में भी ना जाए क्योंकि वहां भी उन्हें खतरा पैदा हो सकता है. अपने अकाउंट की इन निर्देशों से आतंकवादियों में निराशा फैल रही है, क्योंकि सार्वजनिक स्थलों पर जब वे जाते हैं, तो खुद को और लोगों के कद से बड़ा कद मानते हैं और पाकिस्तान में प्रमुख आतंकवादियों को तवज्जो भी दी जाती है.
News jungal desk :– पाकिस्तान में आतंकवादी अब मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे । और आतंकवादियों को घर पर ही सलातुल-फज्र करने का निर्देश दिया गया है और साथ ही अगले आदेश तक निकाह पार्टियों में जाने पर भी रोक लगा दी गई है । और अपने आकाओं के निर्देश से आतंकवादियों में निराशा है ।
पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारी के हमले से घबराए आतंकवादी संगठनों ने अपने आतंकवादियों के मस्जिदों में नमाज अदा करने पर भी रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है । और सभी प्रमुख आतंकवादियों से कहा गया है कि वह किसी भी मस्जिद में किसी भी समय नमाज अदा करने ना जाए क्योंकि मस्जिद में भी अज्ञात बंदूकधारी उन्हें अपना निशाना बना रहा है । और साथ ही सुबह की नमाज भी अपने घर पर ही अदा करने का निर्देश दिया गया है ।
आतंकवादी संगठनों ने अपने प्रमुख आतंकवादियों से कहा है कि अगले निर्देश तक वह किसी भी निकाह पार्टी आदि में भी ना जाए क्योंकि वहां भी उन्हें खतरा पैदा हो सकता है. अपने अकाउंट की इन निर्देशों से आतंकवादियों में निराशा फैल रही है, क्योंकि सार्वजनिक स्थलों पर जब वे जाते हैं, तो खुद को और लोगों के कद से बड़ा कद मानते हैं और पाकिस्तान में प्रमुख आतंकवादियों को तवज्जो भी दी जाती है. ऐसे में सार्वजनिक स्थलों पर न जाने से उन्हें निराशा और बेचैनी महसूस हो रही है ।
6 मई- परमजीत सिंह पंजवार:
भारत के सबसे वांछित अपराधियों में से एक और आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख पंजवार को अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मार दी जब वह पाकिस्तान के लाहौर में टहलने के लिए निकलाा था. पंजवार को पाकिस्तानी सरकार की ओर से दो बॉडीगार्ड दिए गए थे. एक बॉडीगार्ड एक हमलावर को मारने में कामयाब रहा जबकि दूसरा हमलावर गोलीबारी में घायल हो गया था.
12 सितंबर – मौलाना ज़िया-उर रहमान:
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का जिया-उर रहमान भी पंजवार की तरह ही मारा गया था. जब वह कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर के एक पार्क में टहलने के लिए निकला था, तभी अज्ञात हमलावर आए और उनके शरीर में कई राउंड गोलियां चलाई थीं.
30 सितंबर – मुफ्ती कैसर फारूक:
लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के करीबी फारूक को पाकिस्तान के कराची में गोली मार दी गई थी.
10 अक्टूबर – शाहिद लतीफ़:
पठानकोट में भारतीय वायुसेना अड्डे पर 2016 में हुए हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट के दस्का शहर की एक मस्जिद में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. तीन नकाबपोश बंदूकधारी आए और आतंकवादी को उसके अंगरक्षकों की मौजूदगी में गोली मार दी. लतीफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक नामित आतंकवादी है और 2010 तक भारतीय जेल में बंद था.
– 7 नवंबर – ख्वाजा शाहिद:
ख्वाजा शाहिद का बेजान और सिर कटा शरीर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मिला था. वह जम्मू-कश्मीर के सुंजुवान में भारतीय सेना शिविर पर 2018 के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक था, जिसमें पांच भारतीय सेना के जवानों की मौत हो गई थी. मौत से पहले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को यातनाएं दी गई थीं. यह स्पष्ट नहीं है कि ख्वाजा शाहिद की हत्या किसने की.
– 10 नवंबर – अकरम गाज़ी:
लश्कर के एक अन्य कमांडर अकरम खान गाजी को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी. पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन ने भारत पर उंगली उठाने की कोशिश की है लेकिन पाकिस्तानी समाचार मीडिया आउटलेट्स का कहना है कि आतंकवादी समूह के गुटों के भीतर अंदरूनी कलह के कारण उनकी हत्या हुई.
– 12 नवंबर – रहीम उल्लाह तारिक:
कराची में अज्ञात हमलावरों ने जैश प्रमुख के करीबी सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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