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देश के किसी भी हिस्से में 50 से 100 KM के दायरे में Expressway बनाने का लक्ष्य, ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ाने पर जोर

पीएम नरेंद्र मोदी की विकास से जुड़ी नीतियों का एक बड़ा हिस्सा सड़कों और राजमार्गों से जुड़ा हुआ है. देश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने कई नीतियों को बढ़ावा दिया है. पीएम मोदी के विशेष सलाहकार तरुण कपूर ने कहा है कि देश के किसी भी हिस्से में 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में कोई-न-कोई एक्सप्रेसवे होगा. तरुण कपूर ने देश में एक्सप्रेसवे का इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी.

News Jungal Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) की विकास से जुड़ी नीतियों का एक बड़ा हिस्सा सड़कों और राजमार्गों से जुड़ा हुआ है । और देश में एक्सप्रेसवे (Express Way) का जाल बिछाने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने कई नीतियों को बढ़ावा दिया है । और प्रधानमंत्री मोदी के विशेष सलाहकार तरुण कपूर ने कहा है कि देश के किसी भी हिस्से में 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में कोई-न-कोई एक्सप्रेसवे होगा । और इसके लिए देश के कई हिस्सों में एक्सप्रेसवे को तैयार करने का काम लगातार जारी है । और कपूर ने 20वें भारत-अमेरिका शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि ‘हमारा इरादा लोगों को 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में एक्सप्रेसवे तक पहुंच मुहैया कराना है ।

पीएम मोदी के सलाहकार तरुण कपूर ने कहा कि देश का सड़क नेटवर्क इस समय करीब 90,000 किलोमीटर लंबा है । और उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क बेहतर करने की जरूरत पर भी बल दिया है । इसके साथ ही उन्होंने औद्योगिक उत्पादन केंद्रों को बंदरगाहों से सड़क के जरिये जोड़ने की भी वकालत की है । हाल ही में सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर संकेतक लगाने के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की है. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नए दिशानिर्देश को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी ।

इन नई गाइडलाइंस में मुख्य रूप से दृश्यता बेहतर करने और चालकों को दिशानिर्देश देने के लिए सबसे बेहतर उपायों और वैश्विक मानदंडों को अपनाने पर जोर दिया गया है. मंत्रालय ने आईआरसी मानकों के मुताबिक संकेतकों से जुड़े प्रावधानों, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संहिताओं में निर्दिष्ट व्यवहारों आदि की समीक्षा की, ताकि यातायात नियमन का बेहतर अनुपालन हो सके. अब संकेतकों पर अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा ।

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