राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर एक गोद ली हुई बेटी की शादी में मायरा भरकर लोगों का दिल जीत लिया है. जयपुर के सांभरलेक थाना पुलिस को यह बच्ची करीब 17 साल पहले लावारिस हालत में मिली थी. पुलिस ने उसे गोद लेकर एक परिवार को उसके लालन-पालन की जिम्मेदारी दी थी ।
News jungal desk : राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार की अनूठी नजीर पेश करी है इस बार मामला जयपुर जिले के सांभरलेक पुलिस थाने से जुड़ा है यहां पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए गोद ली गई बेटी की शादी में मायरा भरकर अनूठा उदाहरण पेश किया है शादी में मायरा भरने के दौरान इलाके के डीएसपी लक्ष्मी सुथार समेत सांभरलेक पुलिस थाने के पुलिसकर्मी मौजूद रहे है पुलिस के इस कदम की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है ।
जानकारी के अनुसार साल 2006 में थाना इलाके में 4 वर्षीय एक बालिका लावारिश हालत में मिली थी । और उस समय तत्कालीन थानाप्रभारी रामफूल सिंह ने बालिका को गोद लेकर एक ढोली परिवार को लालन-पोषण के लिए सुपुर्द किया था इस बच्ची का नाम देगी है. उसके बाद अब हाल ही में बालिका की शादी हुई है । और इस पर सांभरलेक थाना पुलिस ने गोदी ली गई बेटी का मायरा भरा है ।
गोद ली गई बेटी देगी को चुनरी ओढ़ाई
मायरा भरने के लिए पुलिस पूरे लवाजमे के साथ उसके घर पहुंची. पुलिसकर्मियों ने गोद ली गई बेटी के मायरे में 51 हजार रुपये नगद और सोने -चांदी की ज्वेलरी भेंट की. डीएसपी लक्ष्मी सुथार ने गोद ली गई बेटी देगी को चुनरी ओढ़ाई है । वहीं इलाके एम्बुलेंसकर्मियों ने भी मायरे में शिरकत की है । उन्होंने मायरे में 11 हजार रुपये भेंट किए. इस दौरान देगी के परिजनों ने पुलिसकर्मियों का तिलक लगाकर स्वागत किया. पुलिसकर्मियों की ओर से मायरा भरे जाने पर देगी की आंखें भर आईं है ।
राजस्थान में ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इससे पहले भी कई बार ऐसे मौके पर आ चुके हैं जब पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए ऐसे ही लोगों का दिल जीता है. राजस्थान के कई थानों में कार्यरत सफाई कर्मचारी या कुक के परिवारों के प्रति स्थानीय थाना पुलिस ने पूरी सहानुभूति रखते हुए उनके बच्चों की शादियों में मायरे की रस्में निभाकर उनको आर्थिक संबल प्रदान किया है. कड़क वर्दी वाली पुलिस इस तरह का व्यवहार कर कई बार अपनी अलग छवि पेश कर चुकी है ।
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