खराब मौसम और बारिश की वजह से देश में दालों की पैदावार लगातार घटती जा रही है, जबकि खपत काफी ज्यादा होती है. यही वजह है कि घरेलू बाजार में दाल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. तुअर के बाद मसूर दाल की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए सरकार ने आयात शुल्क खत्म कर दिया है ।
News jungal desk :- ‘ये मुंह और मसूर की दाल’. इससे पहले कि दालों की बढ़ती महंगी की वजह से यह कहावत सच हो और मसूर दाल आम आदमी की थाली से दूर हो जाएगी , सरकार ने बड़ा फैसला लिया है । इसके लिए अमेरिका से आयात होने वाली मसूर दाल पर कस्टम ड्यूटी माफ कर दिया गया है । इसके अलावा देश के भीतर दालों के अवैध भंडारण पर भी रोक लगाई गई है ।
दरअसल, सरकार की मंशा सभी संभावित स्रोतों से दालों की सप्लाई सुनिश्चित करने की है । और घरेलू बाजार में दालों की कीमतें बेतहाशा बढ़ती जा रही हैं । आलम ये है कि सिर्फ एक महीने के भीतर ही तुअर दाल की कीमतों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है । इसकी वजह मोजाम्बिक से तुअर दाल के आयात में हो रही देरी है । अगस्त में खरीफ की फसल आने में भी देरी हुई है । जिससे मूंग दाल की सप्लाई पर भी असर पड़ा है । कारोबारी संगठन ने मूंग दाल के आयात का भी सुझाव दिया है ।
कितना लगता है आयात शुल्क
अमेरिका से आने वाली मसूर दाल पर अभी भारत सरकार 22 फीसदी कस्टम ड्यूटी यानी आयात शुल्क लगाती है । यह फैसला G20 सम्मेलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत आने से महज एक दिन पहले ही लागू कर दिया गया है । मोदी सरकार ने मसूर दाल पर 22 फीसदी के आयात शुल्क को खत्म करके शून्य कर दिया है । और जो 6 सितंबर, 2023 से लागू हो गया है । इस फैसले के बाद अमेरिका में पैदा होने वाली मसूर दाल को सीधे अमेरिका से ही वापस लाया जा सकता है । और अब इसे कनाडा के रास्ते से भारत लाने की जरूरत नहीं होगी ।
लोकल स्टॉक पर कड़ी नजर
सरकार ने देश के भीतर मसूर दाल के लोकल स्टॉक को लेकर भी कड़े निर्देश जारी किए हैं । और दालों की कालाबाजारी और अवैध भंडारण रोकने के लिए हर सप्ताह स्टॉक की रिपोर्ट देना जरूरी बनाया गया है। इससे घरेलू बाजार में दालों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सकेगा । और सरकार दाल के सभी लोकल स्टॉक पर करीबी नजर रखने के लिए बाकायदा टीम भी बना रही है, जो हर हफ्ते इसकी रिपोर्ट देखेगी ।
मौसम मार से खेती बेहाल
दालों की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हो रही है, क्योंकि पिछले साल खराब मौसम की वजह से दालों की उपज काफी कम रही थी और इस साल भी बारिश व खराब मौसम की वजह से दालों की फसल प्रभावित होने की आशंका है । और लगातार दो साल दालों की कम पैदावार की वजह से घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई पर असर पड़ रहा है और महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है ।
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