मेरठ नगर निगम का चुनाव आगामी 11 मई को होना है. बीजेपी, बसपा, सपा समेत सभी पार्टियां यूपी निकाय चुनाव 2023 के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं. सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन मेरठ नगर निगम चुनाव का इतिहास समाजवादी पार्टी के लिए काफी निराशाजनक रहा है. अब तक मेरठ में जितने भी निकाय चुनाव हुए हैं, उसमें कभी बसपा तो कभी बीजेपी के प्रत्याशी को ही जीत मिली है. समाजवादी पार्टी एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है ।
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News Jungal Desk : यूपी में होने वाले नगर निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एंट्री कर लिया है । राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को मेरठ में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि आम आदमी पार्टी पूरे यूपी में मजबूती से चुनाव लड़ेगी । और उन्होंने कहा कि मेयर, नगरपालिका चेयरमैन, नगर पंचायत चेयरमैन पद पर यूपी भर में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी उतारेगी । और संजय सिंह ने कहा कि वो यूपी की जनता से अपील करते हैं कि झाड़ूवालों को दे दीजिए शहर की सफाई का काम । और उन्होंने मेरठ में मेयर पद के उम्मीदवार के लिए आप की तरफ से ऋचा सिंह के नाम का प्रस्ताव दिया है ।
सांसद संजय सिंह ने बोला कि एक साल से आम आदमी पार्टी नगर निकाय की तैयारी कर रही है । हाउस टैक्स, हाफ वाटर टैक्स माफ के नारे के साथ आप चुनाव लड़ेगी । और संजय सिंह ने कहा कि वार्ड स्तर पर बूथ स्तर पर हमने तैयारी करी है । वार्ड के प्रत्याशी मज़बूती के साथ चुनाव लड़ेंगे । संजय सिंह ने कहा कि आप को राष्ट्रीय पार्टी घोषित कर दिया गया है । और दस साल के अंदर राष्ट्रीय पार्टी बनना सपने के सच करने जैसा है । और जिन पार्टियों का दर्जा छिना है उनको चुनाव आयोग में अपील करनी चाहिए।
हालांकि सुनीता वर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सड़कें बनवाईं है । और चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया है । कबाड़ से जुगाड़ अभियान को पीएम ने मन की बात में सराहा है । शहर में स्वच्छता को लेकर राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है । और कूड़ा निस्तारण को लेकर कार्य किए है । वो कहती हैं कि इस बीच कोरोना आ गया इसलिए 2 साल ठीक से कार्य नहीं हो पाए । अधिकारी बार-बार बदलते रहे है । इसलिए भी कुछ कार्यों में रुकवाट रही और चार नगर आयुक्त चेंज हुए। ये पूछे जाने पर कि अब तो इस बार वो चुनाव नहीं लड़ सकीं क्योंकि सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है । और वो कहती हैं कि आऩे वाले मेयर से वो अपेक्षा करती हैं कि शहर को कूड़ामुक्त बनाएं और क्योंकि कूड़े का सफाया पूरी तरह से नहीं हो पाया है वो कहती हैं कि मलीन बस्तियों में और कार्य किए जाने की आवश्यकता है । अब तक शहर के नाले नहीं ढके गए । आए दिन नालों की वजह से बड़े हादसे हो जाते हैं । लिहाजा़ नाले ढके जाने चाहिए । साथ ही वो घोटालों की जांच की बात करती हैं ।
सुनीता वर्मा का कहना है कि उन्हें दुख है कि चुनाव नहीं लड़ पा रही हूं, लेकिन जब भी मौका मिलेगा वो अवश्य चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी. सुनीता वर्मा के पति योगेश वर्मा हस्तिनापुर से एक ज़माने में विधायक रहे हैं । और सुनीता का कहना है 2017 में जब सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हुई थी तो उनके पति योगेश वर्मा ने उन्हें जीत दिलाई, अब जबकि उनके पति आने वाले लोकसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे तो वो अपने पति को जिताकर उन्हें रिटर्न गिफ्ट देंगी ।
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