साइबर कमांडो विंग का विचार इस साल की शुरुआत में आया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजीपी/आईजी सम्मेलन के दौरान इसकी स्थापना की सिफारिश की थी. गृह मंत्रालय ने विंग की स्थापना के लिए कमांडरों की नियुक्ति के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखा ।
News jungal desk : तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केंद्रीय गृह मंत्रालय बड़ा कदम उठाने जा रहा है। और भारत साइबर खतरों के अगले स्तर से निपटने के लिए कमर कस रहा है और इसके लिए केंद्र सरकार ने ‘साइबर कमांडो’ की एक विंग स्थापित करने का फैसला किया है । और इस विंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों से जवानों को शामिल किया जाएगा । और इसके लिए पत्र लिखकर गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी पुलिस बलों से 10 उपयुक्त ‘साइबर कमांडो’ की पहचान करने को कहा है ।
पीएम मोदी ने की थी साइबर विंग की सिफारिश
साइबर कमांडो विंग का विचार इस साल की शुरुआत में आया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजीपी/आईजी सम्मेलन के दौरान इसकी स्थापना की सिफारिश की थी । MHA पत्र में कहा गया है कि विशेष नई विंग साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करेगी. इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी की रक्षा करेगी और साइबर स्पेस में जांच करेगी ।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखा पत्र
गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए पत्र में कहा गया है, “जनवरी, 2023 के महीने में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री ने सिफारिश की थी कि साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने, सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क की रक्षा करने, जांच करने के लिए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष विंग स्थापित की जानी चाहिए, जिसका साइबर स्पेस और पुलिस और सरकारी संगठनों की साइबर सुरक्षा आवश्यकताओं का ‘निरंतर आधार’ पर ध्यान रखना काम होगा.”
विंग के कमांडों आईटी सुरक्षा और डिजिटल फॉरेंसिंक के होंगे जानकार
प्रस्ताव के मुताबिक, साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठनों का अभिन्न अंग होगा. इसमें ऐसे कमांडो होंगे जो आईटी सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में जानकार होंगे और उनमें योग्यता होगी. प्रस्तावित साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठन का एक अभिन्न अंग होगा. इसका संचालन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों/सीएपीएफ से लिए गए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित और सुसज्जित सेवारत पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाएगा. यदि आवश्यक समझा जाए तो उनके प्रयासों को किराए के पेशेवरों द्वारा पूरक किया जा सकता है ।
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