श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि , “हमें संतों और हिंदू विद्वानों से सुझाव मिले हैं कि ‘रामलला’ की मूर्ति लगभग पांच से छह साल के बच्चे की तरह दिखनी चाहिए. और विचार यह है कि केवल एक खड़ी मूर्ति बनाई जानी चाहिए.”अधिकांश मूर्तिकारों ने भी इसी तरह के सुझाव दिए हैं.अयोध्या में बन रहे मंदिर को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मूर्तिकारों को यह तय करने के लिए लगाया है कि ‘रामलला’ की मूर्ति कैसी दिखेगी?मूर्ति राम मंदिर के लिए है जो यहां राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन है. उन्होंने कहा कि हर विवरण पर काम किया जा रहा है. राय ने कहा कि कलाकार ‘रामलला’ की तस्वीरें बना रहे और सर्वश्रेष्ठ के आधार पर मूर्ति बनाई जाएगी और फिर मंदिर में स्थापित की जाएगी.
मूर्ति की बारीकियों का रखा जाए ध्यान’
चंपत राय ने आगे बताया कि रामलला की आंख, नाक, कान, चेहरा, पैरों की उंगलियां,धनुष और तीर कितना बड़ा हो, इन बारीकियों पर चित्रकारों ने कहा है कि पहले वह चित्र बनाकर देंगे. फिर चित्र के आधार पर कई लोग मूर्तियां बनाएंगे. उनमें से फिर निर्णय लिया जाएगा कि कौन
मंदिर में कब लगेगी राम लला की मूर्ति?
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति कब लगेगी, इस तारीख का ऐलान भी हाल में कर दिया गया है । मूर्ति निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के एक प्रमुख सदस्य और राम मंदिर के प्रबंधन ने बीते बुधवार को कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में भगवान रामलला की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर स्थापित करेंगे.
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