Site icon News Jungal Media

हाईकोर्ट : गोवर्धन पर्वत परिक्रमा का रास्ता होगा साफ, अवैध निर्माण हटाने को लेकर याचिका दाखिल…

याचिका में कहा गया है कि गोवर्धन पर्वत को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है। याची ने वन विभाग के अधिकारियों पर अतिक्रमण में मिलीभगत का आरोप लगाया है। कहा गया है कि वन विभाग के कार्यालय की स्थापना के बाद ही क्षेत्र में अतिक्रमण और निर्माण कार्य शुरू हुआ है।

News jungal desk: इलाहाबाद हाईकोर्ट में वृंदावन स्थित गोवर्धन पर्वत की तलहटी पर हो रहे अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसके चलते कहा गया है कि तलहटी पर स्नानघर, शमशान, कब्रिस्तान सहित कई अन्य निर्माण हो रहे हैं। जिसके बाद मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया।

याचिका में कहा गया है कि गोवर्धन पर्वत को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके साथ ही याची ने वन विभाग के अधिकारियों पर अतिक्रमण में मिलीभगत का आरोप लगाया है। कहा गया है कि वन विभाग के कार्यालय की स्थापना के बाद ही क्षेत्र में अतिक्रमण और निर्माण कार्य शुरू हुआ है। याची की ओर से यह भी कहा गया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने एक आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद वन विभाग मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मुख्य न्यायमूर्ति की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सुनवाई कर याची को एनजीटी से संपर्क करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले से निपटने के लिए एनजीटी उचित मंच है। हालांकि, याची ने मामले में अनिच्छा व्यक्त की। इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया।

Read also: उम्र से पहले ही कम होने लगी है आंखों की रोशनी? जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय

Exit mobile version