बुधवार को पावर कारपोरेशन ने विद्युत वितरण निगम की तरफ से नियामक आयोग में ईंधन अधिभार लगाने का प्रस्ताव दाखिल किया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अलग-अलग श्रेणी में ईंधन अधिभार (फ्यूल सरचार्ज) के माध्यम से प्रदेश के उपभोक्ताओं से कुल 1437 करोड़ की वसूली किया जाएगा. अगर कॉरपोरेशन की दर को नियामक आयोग ने स्वीकार किया तो अलग- अलग श्रेणी में 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली महंगी हो जाएगी ।
News jungal desk : राजस्व वसूली में लगातार पिछड़ रहा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने अब इसका बोझ उपभक्ताओं पर डालने की तैयारी कर रहा है । और UPPCL की तरफ से नियामक आयोग में ईंधन अधिभार लगाने के लिए एक प्रस्ताव दाखिल किया गया है । और इस प्रस्ताव के मंजूर होने पर बिजली उपभोक्ताओं को 28 पैसे पार्टी यूनिट से लेकर 1.09 प्रति यूनिट महंगी बिजली मिलेगी । हालांकि उपभोक्ता परिषद की तरफ से इस प्रस्ताव पर कड़ा ऐतराज जताया गया है और कहा गया है कि विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का 30 पैसे प्रति यूनिट अभी भी निकल रहा है और पहले इसका भुगतान किया जाए तभी बढ़ोत्तरी की बात हो ।
दरअसल, बुधवार को पावर कारपोरेशन ने विद्युत वितरण निगम की तरफ से नियामक आयोग में ईंधन अधिभार लगाने का प्रस्ताव दाखिल किया है । और प्रस्ताव में कहा गया है कि अलग-अलग श्रेणी में ईंधन अधिभार (फ्यूल सरचार्ज) के माध्यम से प्रदेश के उपभोक्ताओं से कुल 1437 करोड़ की वसूली किया जाएगा. अगर कॉरपोरेशन की दर को नियामक आयोग ने स्वीकार किया तो अलग- अलग श्रेणी में 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली महंगी हो जाएगी ।
कारपोरेशन के इस प्रस्ताव पर उपभोक्ता परिषद ने भी नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर दिया है. विद्युत् उपभोक्ता परिषद् के अध्यक्ष अभिषेक वर्मा ने कहा कि कारपोरेशन के इस प्रस्ताव को किसी भी हालत में पास नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पूरी तरह से असंवैधानिक है. इसमें 2020 के कानून का फॉर्मूले का पालन नहीं किया गया है. अगर फॉर्मूले का पालन किया गया होता तो उपभोक्ताओं को 30 पैसे प्रति यूनिट का फायदा मिलता. क्योंकि उपभोक्ताओं का विद्युत निगमों पर पहले से ही करीब 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है ।
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