मंगल पर जीवन की तलाश हुई खत्म! नासा ने बताया क्‍यों लाल ग्रह पर जिंदा नहीं रह सकता इंसान?

No Life on Mars – वैज्ञानिक लंबे समय से मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में जुटे हुए थे. उम्‍मीद की जा रही थी कि धरती के बाहर इस ग्रह पर इंसानों को बसाया जा सकता है. अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इस लाल ग्रह पर इंसानों का जिंदा रह पाना असंभव है.

News Jungal Desk: दुनियाभर के वैज्ञानिक लंबे समय से मंगल ग्रह को समझने की कवायद में जुटे हुए थे. दरअसल, वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्‍या मंगल ग्रह का वायुमंडल और वातावरण इंसानों के रहने लायक है या नहीं? क्‍या धरती के बाहर भी किसी ग्रह पर जीवन हो सकता है? अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर जीवन की अरसे से चल रही तलाश को बड़ा झटका दे दिया है. दरअसल, नासा ने मंगल ग्रह पर 3 साल पहले इनसाइट लैंडर को भेजा था. नासा ने इससे मिले डाटा के आधार पर कहा है कि मंगल ग्रह पर ना तो इंसान रह सकता है और ना ही वहां जा सकता है. 

नासा के मुताबिक, मंगल ग्रह के केंद्र में भूकंपीय तरंगे मौजूद हैं. नासा को इनसाइट लैंडर से मिले डाटा के विश्‍लेषण से यह भी पता चला कि मंगल ग्रह के केंद्र पिघला हुआ लोहा और लोहे से बनने वाली कई धातुएं भी मौजूद हैं. इन धातुओं में सबसे ज्‍यादा सल्‍फर और ऑक्‍सीजन पाया गया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, डाटा से पता चला कि करीब साढ़े 4 अरब साल पहले मंगल ग्रह का निर्माण कैसे हुआ था? इसी डाटा से वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि मंगल और धरती में क्‍या चीजें अलग है? वहीं, दोनों के बीच समानताओं के बाद भी धरती पर जीवन होने और लाल ग्रह पर इंसानों के जीवित नहीं रह पाने के कारण भी स्‍पष्‍ट हो गए हैं.

मंगल ग्रह का केंद्र पिघला हुआ है
अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर और शोधकर्ता वेदर्न लेकिक की टीम ने लाल ग्रह पर दो भूकंपीय घटनाओं पर पैनी नजर रखी. इनमें पहली घटना, मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंप और दूसरी अंतरिक्ष से किसी चीज को भेजने पर हुई टक्‍कर से मंगल ग्रह के केंद्र में पैदा होने वाली भूकंपीय तरंगे शामिल थीं. भूकंप विज्ञानियों ने जानकारी जुटाई कि भूकंपीय तरंगों को लाल ग्रह की सतह पर मौजूद दूसरी तरंगों के साथ मंगल की कोर से गुजरने में कितना समय लगता है. फिर मिले डाटा का लाल ग्रह की दूसरी भूकंपीय घटना और पृथ्‍वी के डाटा से तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया गया. इससे वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर मौजूद पदार्थ के घनत्‍व और दबाव की क्षमता का पता चला पाया. इसी से पता चला कि मंगल ग्रह का केंद्र पिघला हुआ है. इसके उलट धरता के केंद्र की बाहरी परत ठोस, सख्‍त और अंदर से पिघली हुई है.

Read also: हर शेयर पर मिलेगा 27 रूपये का रिटर्न, ऑटो पार्ट्स बनाने वाली ये कंपनी शेयरधारकों को करेगी मालामाल

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top