कुल्हाड़ी लगते ही ‘खून के आंसू’ रोता है पेड़! भले ही ये जज्बात लगें, वजह है बेहद दिलचस्प 

आपने पढ़ा होगा कि पेड़-पौधों में जान होती है और वे बढ़ते भी उसी तरह हैं, जिस तरह की उन्हें देखभाल मिलती है. तो क्या पेड़ों को कटने पर उसी तरह दर्द भी होता है, जैसा हम महसूस करते हैं? 

News jungal desk : सिर्फ जीव-जंतु या इंसान नहीं बल्कि पेड़-पौधों trees and plants की भी ऐसी प्रजातियां हैं, जो बेहद अनोखी हैं. आज हम आप आपको एक ऐसे ही अनोखे पेड़ के बारे में बताएंगे, जो साबित कर देगा कि वाकई पेड़ों में जान के साथ-साथ जज़्बात भी होते हैं.

आपने अक्सर देखा होगा कि जब किसी पेड़ को काटा या उसकी पत्तियां तोड़ी जाती हैं, तो उसमें से चिपचिपा पदार्थ निकलता है. कई बार ये सफेद दूध जैसा होता है तो कई बार ट्रांसपैरेंट गोंद के जैसा. हालांकि जिस पेड़ के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसे काटने पर लाल रंग का ऐसा द्रव निकलता है, जो बिल्कुल इंसान के खून जैसा होता है.

पेड़ काटते ही बह निकलता है खून
आपको ये अजीब लग सकता है लेकिन ब्लडवुड ट्री के नाम के मशहूर इस पेड़ को काटते ही इसमें से लाल रंग का खून रिसता है. इसका साइंटिफिक नाम ‘सेरोकारपस एंगोलेनसिस’ है, लेकिन इसे किआट मुकवा या मुनिंगा भी कहते हैं. पेड़ पर कुल्हाड़ी न भी मारी जाए, तो इसकी डाली टूटने पर भी लाल लिक्विड निकलता है, जो हूबहू खून जैसा दिखता है. इसी वजह से लोग इस पेड़ को चमत्कारी भी मानते हैं. इससे दवाएं बनती हैं और इस लिक्विड से आंखों, पेट की बीमारी और मलेरिया को भी ठीक किया जाता है. इस पेड़ की लकड़ी भी काफी कीमती होती है.

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