पूरी परिवार को लील गया लोन ऐप का जाल, सबके लिए एक सबक

लोन ऐप के चंगुल में फंसकर कैसे पूरा परिवार तबाह हो जाता है. इसका एक केस मध्य प्रदेश के भोपाल में सामने आया है. यहां एक शख्स को लोन की रिकवरी के लिए के लिए इतना प्रताड़ित किया गया कि उसने दो छोटे-छोटे बच्चों और पत्नी के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली.

NEWS JUNGAL DESK KANPUR :  आठ साल का बेटा, तीन साल की बेटी और पति-पत्नी. छोटा सा खुशहाल परिवार. लेकिन एक छोटी सी गलती इस परिवार पर इतनी भारी पड़ी की सामूहिक खुदकुशी करनी पड़ी.बच्चों को जहर दिया और पति-पत्नी ने फांसी लगा ली. दरअसल, भोपाल Bhopal का यह परिवार मार्केट में फैले लोन ऐप के जंजाल में फंस गया था. और पूरे परिवार को खुदखुशी करनी पड़ी । घर के मुखिया ने इस परेशानी से निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया. समझ नहीं आ रहा क्या करें. पता नहीं हमारी इतनी प्यारी छोटी सी फैमिली को किसकी नजर लग गई.अपने परिवार के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं.एक क्योंकि मेरा सिविल पहले से खराब था. लोन कहां से मिलता, लेकिन कंपनी वालों के कहने पर मैंने कोशिश की और लोन मिलता चला गया.उन पैसों को भी मैं पानी की कंपनी में ही लगाता चला गया.

लोन ऐप के दलदल से निकलना चाहा, लेकिन…

सुसाइड नोट में आगे लिखा है ‘काम शुरू करने से पहले मैंने ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट चैक की थी. कंपनी TRP के लिए काम करवाती है, जो कोविड के बाद 2022 में कोलंबिया से शुरू हुई थी. यह सब देखकर मैंने काम शुरू किया, लेकिन पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि कोई रास्ता नहीं बचेगा ।इस काम की जानकारी मेरी पत्नी या परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं थी. पत्नी जब भी मुझे देखती तो यही कहती थी कि कुछ गलत मत करना. और मैं मना करते हुए जवाब देता कि सब तुम्हारी खुशी के लिए तो कर रहा हूं । ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा कुछ दिन बाद पैसे मिलते ही सबका लोन क्लियर करके सब छोड़ दूंगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सबकुछ हो जाएगा बात-बात पर मेरे ऊपर पैसे का दबाव बनाया जाने लगा. ये पैसे मैंने अपने लिए नहीं लिए थे, मैं तो इनका इस्तेमाल भी नहीं कर पाया. कंपनी ने लोन ऑफर किया और पैसे लेकर वापस कंपनी में ही लगा दिया ।

किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचा’

चार पेज के सुसाइड नोट में आगे लिखा है,’मैं साइबर क्राइम ऑफिस गया, लेकिन वहां अधिकारी न होने और छुट्टी होने के कारण मेरी बात अधिकारियों से नही हो पायी । दोबारा गया. आवेदन बनवाने के लिए वकील से मिला. उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय मांगा. लेकिन मैं न किसी से बात कर पा रहा हूं और न ही नजरें मिला पा रहा हूं ।परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा. अपने बाबूजी, अम्माजी, पापाजी, मम्मीजी, भैया-भाभी, प्यारी बहनों, प्यारी सी बेटी सबसे यही कहना चाहता हूं कि सबसे कैसे नजरें मिलाऊ ।

सबसे ज्यादा इस बात का डर है कि भविष्य में मेरी बेटी की शादी में परेशान ना आए.इसलिए परिवार यानी पत्नी और बच्चों रिशू और किशू को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता इसीलिए मैं सबको लेकर जा रहा हूं ।निवेदन है कि हमारे जाने के बाद परिवारवालों को लोन के लिए परेशान न किया जाए. न ही किसी रिश्तेदार या साथी कर्मचारी को परेशान किया जाए. मैं अपने पापा–मम्मी, बाबूजी-अम्माजी, तीनों बहनों, बड़े भाइयों, अन्तु दी, दोनों सालों सबसे माफी मांगता हूं. हमें माफ कर दें. हमारा साथ यहीं तक था. हमारी अंतिम इच्छा यह है कि हमारा पोस्टमार्टम न किया जाए और सभी का अंतिम संस्कार साथ में किया जाए. ताकी हम चारों साथ में रहें.’

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