अमेठी का एक गांव ऐसा भी है जो विकास से कोसों दूर है. आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव तक जाने के लिए कोई भी सड़क नहीं बनी है. सड़क न होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
News jungal desk : आजादी के बाद इन 76 सालों में भारत विज्ञान, तकनीक से लेकर आर्थिक रूप से भी शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है । और हर क्षेत्र में भारत अपना लोहा मनवा चुका है । और लेकिन इससे इतर अमेठी का एक गांव ऐसा भी है जो विकास से कोसों दूर है.आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव तक जाने के लिए कोई भी सड़क नहीं बनी है. सड़क न होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि, अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया है।
पूरा मामला अमेठी जनपद के कटारी गांव के बंदरहा का है । गांव में वर्षों पूर्व बना मिट्टी का जर्जर रास्ता आज भी मौजूद है । लेकिन उस पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो रहा है । वर्षो बाद भी गांव के अन्दर आने-जाने के लिए आज तक सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है । और जो मार्ग बना भी है उसी पर दो-दो फीट के गड्ढे हैं. अब ऐसे में ग्रामीणों को आपातकालीन स्थिति में इसी जर्जर सड़क से होकर गुजरना पड़ता है ।
आपातकालीन स्थिति में होती है समस्या
गांव के हालात बद से बद्तरहैं. आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव में सड़क नहीं बनी है. ऐसे में सड़क बदहाली के कारण स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कत होती है. गांव में चार पहिया वाहन आने जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी गांव तक नहीं पहुंच सकती. अब ऐसे में आपातकालीन स्थिति के दौरान लोगों को चारपाई पर लादकर गांव के बाहर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है.
गांव के निवासी श्रवण कुमार बताते हैं कि कई बार इस सड़क के लिए शिकायत की गई लेकिन हमारी फरियाद नहीं सुनी जा रही है. गांव में आने-जाने के लिए ग्रामीणों को काफी दिक्कतें हैं. बड़े वाहन के साथ छोटे वाहन भी इस मार्ग से नहीं आ पाते हैं. शिकायत के बावजूद भी हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. आखिर हम जानना चाहते हैं कि क्या हमारा गांव मानचित्र से बाहर है, आखिर क्यों इस गांव में सड़क नहीं बन रही.
विभागीय अधिकारियों ने किया किनारा
वहीं जिला विकास अधिकारी तेजभान सिंह जब पूरे मामले पर बातचीत करने की कोशिश की गई उन्होंने मीटिंग का हवाला देते हुए कैमरे पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि गांव की सड़क का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है फिलहाल इसकी जांच कराई जाएगी यदि ऐसा है तो सड़क बनवाने का काम किया जाएगा.
यह भी पढ़े : भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी राशिद लतीफ की पाकिस्तान में हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड
.