पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान किए जाते हैं. पितृपक्ष में किए गए तर्पण से से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है. पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा है. हिन्दू धर्म में इन दिनों का खास महत्व है.
News Jungal Kanpur : आज से पितृ पक्ष की शुरूआत हो चुकी है । पूणिमा से शुरू होकर अमावस्या तक पितृ रहते हैं । 15 दिन तक पितरों की पूजा की जाती है । इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं.
पितृ पक्ष में पितरों के निमित्र पूजा पाठ करें । पितरों ancestors को खुश करने के लिए ब्राह्मण,गौ कन्या और कुत्ते ,गाय को भोजन खिलाये इससे पितृ खुश हो जाते हैं ।
पितृ पक्ष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल और फूल अर्पित करें. पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय बहुत कारगर है.
किसी जरुरतमंद को भोजन, दान या गरीब कन्या के विवाह में मदद करने से पितृ खुश जाते हैं. ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है. और किसी तरह की बाधा घर में नही लगती है ।
घर में पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाएं. रोजाना उनसे अपनी गलती की क्षमा मांगे. कहते हैं इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है.
पितृ पक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं. इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है.
पितृ दोष लगने पर क्या होता है ?
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उन लोगों को संतान सुख आसानी से नहीं मिलता है. या फिर संतान बुरी संगत में पड़ जाती है । पितृ दोष लगने से लोगों को नौकरी या व्यापार में हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. काम में बार-बार बाधा आती है. घर में ज्यादा क्लेश-झगड़े होते हैं. घर में सुख-समृद्ध अक्सर बीमार रहते हैं और बेटी या बेटे की शादी में रुकावट आती है.