इस अद्भुत लौकी में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. एक तरह से कहा जाए तो यह एक औषधि का काम करती है. इस लौकी की सब्जी ही नहीं तेल का भी काफी महत्व है. जितना इस लौकी में ठंडक होती है. उससे कहीं ज्यादा इसके तेल में भी ठंडक होती है. सर दर्द संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी होता है.
News Jungal Desk Kanpur : लौकी एक सब्जी है . इसे “घिया” भी कहा जाता है, हालांकि कद्दू नाम ऐसी अन्य सब्ज़िओं के लिए भी प्रयोग होता है. लौकी का पौधा आमतौर पर एक बेल होती है जिसपर लौकियां फरती हैं. लेकिन आज हम जिस लौकी Bottle gourd के बारे में आपको बताने जा रहें उसको देख और सुनकर विश्वास मानिए आप भी हैरान रह जाएंगे. जी हां जिले के सागरपाली बागवानी में स्थित यह लौकी का पेड़ पूरे जनपद में चर्चा का विषय है. खास बात तो यह है कि इस पेड़ पर लगने वाली लौकी आम लौकी से बिल्कुल अलग होती है. देखने में तो आम लौकी की तरह दिखती है लेकिन इसका स्वाद काफी लाजवाब होता है. यह जब बनाई जाती है तो इसके रंग में भी परिवर्तन होते हुए थोड़ा सा कालापन आ जाता है.
इस अद्भुत लौकी में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. एक तरह से कहा जाए तो यह एक औषधि का काम करती है. इस लौकी की सब्जी ही नहीं तेल का भी काफी महत्व है. जितना इस लौकी में ठंडक होती है. उससे कहीं ज्यादा इसके तेल में भी ठंडक होती है. सर दर्द संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है.
भरपूर मात्रा में पाया जाता है आयरन
बागवानी के संस्थापक डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय बताते हैं कि इस बागवानी का नाम राम आशीष वाटिका है. यह मैंने अपने पिता जी के स्मृति में लगाया है. यह लौकी का पेड़ बड़ा ही मुश्किल से देखने को मिलता है. यह काफी फायदेमंद होता है. इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इस लौकी के पेड़ में जितना उत्पादन होता है उसे बेचा नहीं जाता बल्कि आम लोगों में बांट दिया जाता है.
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