वाराणसी के गंगा में समय से पहले उभरते रेत के टीलों को लेकर गंगा वैज्ञानिकों का कहना है कि नदी में कम होते जलस्तर के पीछे चार प्रमुख वजह है.
News jungal desk : यूपी के वाराणसी (Varanasi) में भीषण गर्मी से पहले गंगा की सेहत बिगड़ती दिख रही है और आम तौर पर मई, जून के महीने में गंगा में दिखने वाले रेत के टीले अब मार्च महीने में ही नजर आने लगे है । और वाराणसी के सामने घाट इलाके में मार्च के दूसरे सप्ताह में ही रेत के उभरते टीलों को देख गंगा वैज्ञानिकों के साथ इसके किनारे रहने वालों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही है ।
वाराणसी के गंगा में समय से पहले उभरते रेत के टीलों को लेकर गंगा वैज्ञानिकों का कहना है कि नदी में कम होते जलस्तर के पीछे 4 प्रमुख वजह है । गंगा वैज्ञानिक प्रोफेसर बी डी त्रिपाठी ने बताया कि उत्तराखंड के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के तहत जगह जगह बांध बने हैं । और जिसका असर अब काशी में गंगा की सेहत पर देखने को मिल रहा है ।
दूसरे प्रदेशों को हो रही सप्लाई
इसके अलावा हरिद्वार से आगे कई कैनाल से दूसरे प्रदेशों में भी पेयजल की सप्लाई हो रही है । और जिससे गंगा का पानी कम हो रहा है । और तीसरी प्रमुख वजह गंगा किनारे बने लिफ्ट कैनाल है और चौथी वजह समय से पहले तापमान का बढ़ना जिससे गंगा सूखती हुई दिख रही है । और उन्होंने बताया कि यदि ऐसा ही रखा तो आने वाले सीजन में पानी के संकट को भी नकारा नहीं जा सकता है ।
गहरा सकता है जल का संकट
इसके अलावा गंगा किनारे रहने वाले लोग और इसपर आश्रित लोगों के आजीविका पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है । आप को बता दें कि जर दिन काशी में बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते है.ऐसे में मां गंगा लाखों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है । उधर दूसरे तरफ कम हो रहे जलस्तर के कारण वाराणसी के घाटों से भी गंगा दूर जा रही है । जो भविष्य में बड़ा संकट बन सकता है ।
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