UP में पान और गुटका थूकने वाले हो जाएं सावधान, लगेगा इतना जुर्माना..

Pan and Gutka spitting in UP: उत्तर प्रदेश में जहां-तहां पान और गुटका खाकर थूकने वालों की शामत सकती है. शहरी विकास विभाग के अनूठे अभियान मिस्टर एंड मिस पीकू ने अब ऐसे लोगों से 250 रुपये का जुर्माना वसूलने का काम चालू कर दिया है. पहले इस अभियान को लखनऊ और आगरा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया गया था. इसकी सफलता के बाद अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जाने वाला है. उम्मीद है कि इससे लोगों की पान और गुटका खाकर इधर-उधर थूकने की आदत में कुछ सुधार आएगा.

कभी पान और ‘गुटका’ चबाने और उसे हर तरफ थूकने (spitting paan) के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश (UP) की पारंपरिक छवि बदलने हेतु सरकार ने पूरी तरह से कमर कस ली है. इसके लिए शहरी विकास विभाग (urban development department) ने एक अनूठा अभियान चालू किया है. मिस्टर एंड मिस पीकू (‘Mr and Miss Piku) नाम का यह अभियान अब पूरे राज्य में सोमवार से शुरू होने वाला है. जिसमें पान और गुटका थूकते हुए पकड़े गए लोगों पर 250 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान बनाया गया है. सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर भी यही जुर्माना लगाया जाएगा.

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) की (शहरी) राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा ने राज्य भर के नगर आयुक्तों को लिखे एक पत्र में कहा कि शहरों में सफाई रखने के लिए न थूकने और न ही कूड़ा फैलाने का अभियान शुरू किया. थूकने के अलावा यह अभियान सार्वजनिक जगहों पर पेशाब करने, खुले में शौच करने, जानवरों को खिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर खाना फेंकने और गंदगी फैलाने वालों की भी अब निगरानी करेगा. इस अभियान को पहले लखनऊ और आगरा में ही शुरू किया गया था. यह उत्तर प्रदेश के 2 प्रमुख शहर हैं, जहां हाल ही में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए बैठकें हुईं. लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ’23 फरवरी को शुरू किए गए लगभग 10 दिनों के इस अभियान में हमने लोगों से 1.29 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला.’

जबकि आगरा नगर निगम ने अभी तक कुल जुर्माने की रकम को गिना तक नहीं है, फिर भी यह भारी रकम होने की उम्मीद है. दोनों शहरों में इस अभियान की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला लिया गया है. बताया गया कि 6 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में जुर्माने के राशि 150 रुपये होगी. जबकि नगर पालिका और नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले इलाकों के लिए 100 रुपये और 50 रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा. यह पहली बार नहीं है जब सार्वजनिक रूप से थूकने पर कोई प्रतिबंध लगाया गया है. 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 के संशोधित दिशानिर्देशों के तहत सार्वजनिक रूप से थूकने को एक दंडनीय अपराध बनाया था. यूपी सरकार ने भी ऐसे कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन वे लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में विफल रहे. अब क्या नया अभियान राज्य में बदलाव ला सकता है! लोगों के मन में यही सवाल है, जिसका जवाब हमें अगले कुछ दिनों में देखने को मिलेगा.

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